बादलों के ऊपर बसा गांव, जहां जाएंगे तो लौटने का मन नहीं करेगा!

शहरों की भागदौड़ भरी जीवनशैली और तनाव भरी दिनचर्या से जब सुकून पाने का मन होता है तो लोग पहाड़ों की ओर रुख करते हैं. दिल्ली से ज्यादातर लोग उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, लद्दाख की ओर रुख करते हैं. लेकिन उत्तर पूर्व भारत में ‘सेवन सिस्टर्स’ के नाम से मशहूर राज्यों की भी खूबसूरती भी कहीं कमतर नहीं है. इन्हीं राज्यों में से एक राज्य है, अरुणाचल प्रदेश. यहां एक से बढ़कर एक शानदार जगहें हैं. आज बात करेंगे पासीघाट की.
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वैसे तो पूरा अरुणाचल प्रदेश घूमने के लिए बेहतरीन और खूबसूरत शांत जगह है, लेकिन पर्यटकों के लिए पासीघाट स्वर्ग से कम नहीं है. कहा जाता है कि यह गांव बादलों के ऊपर बसा हुआ है. समुद्रतल से इसकी ऊंचाई 155 मीटर बताई जाती है. यहां के मनोरम दृश्य पर्यटकों को बरबस अपनी ओर खींचते हैं.

वैसे तो पूरा अरुणाचल प्रदेश घूमने के लिए बेहतरीन और खूबसूरत शांत जगह है, लेकिन पर्यटकों के लिए पासीघाट स्वर्ग से कम नहीं है. कहा जाता है कि यह गांव बादलों के ऊपर बसा हुआ है. समुद्रतल से इसकी ऊंचाई 155 मीटर बताई जाती है. यहां के मनोरम दृश्य पर्यटकों को बरबस अपनी ओर खींचते हैं.
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पासीघाट को अरुणाचल प्रदेश का प्रवेश द्वार या टूरिज्म गेट कहा जाता है. 1911 में स्थापित इस गांव का नाम पासी जनजाति के नाम पर पड़ा. प्रकृति की गोद में शांति, ट्रेकिंग, राफ्टिंग, एडवेंचर, वाटरफॉल्स, मनमोहक नजारों के लिए यह शानदार जगह है. यहां बौद्ध मंदिर, संग्रहालय वगैरह भी पर्यटकों का ध्यान खींचते हैं.

पासीघाट को अरुणाचल प्रदेश का प्रवेश द्वार या टूरिज्म गेट कहा जाता है. 1911 में स्थापित इस गांव का नाम पासी जनजाति के नाम पर पड़ा. प्रकृति की गोद में शांति, ट्रेकिंग, राफ्टिंग, एडवेंचर, वाटरफॉल्स, मनमोहक नजारों के लिए यह शानदार जगह है. यहां बौद्ध मंदिर, संग्रहालय वगैरह भी पर्यटकों का ध्यान खींचते हैं.
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पासीघाट की खूबसूरती देखने के लिए यहां के जंगल भी लोगों को आकर्षित करते हैं. हिरण, अजगर समेत कई वन्यजीव यहां के जंगलों में आपको दिखाई दे सकते हैं. यहां रोटंग के पास केकर मोनिंग एक खूबसूरत पर्वतीय पहाड़ है, जहां से आपको मनोरम दृश्य दिखते हैं. यहां पनगिन में आपको अलौकिक सौंदर्य की देखने को मिलता है.

पासीघाट की खूबसूरती देखने के लिए यहां के जंगल भी लोगों को आकर्षित करते हैं. हिरण, अजगर समेत कई वन्यजीव यहां के जंगलों में आपको दिखाई दे सकते हैं. यहां रोटंग के पास केकर मोनिंग एक खूबसूरत पर्वतीय पहाड़ है, जहां से आपको मनोरम दृश्य दिखते हैं. यहां पनगिन में आपको अलौकिक सौंदर्य की देखने को मिलता है.
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पासीघाट से 60 किमी की दूरी पर स्थित पनगिन गांव सियोम और सियांग नदियों के संगम पर स्थित है. पनगिन अपने शानदार नीले और हरे रंग की प्राकृतिक छटा बिखेरता यह गांव बहुत ही सुंदर दिखता है. प्रकृति प्रेमियों के लिए यह शानदार जगह है. वन्यजीवों में रुचि रखने वाले पर्यटक ड़ी' एरिंग वन्यजीव अभ्यारण्य जाना नहीं भूलते. पासीघाट का इस अभयारण्य के पास से ही सियांग यानी ब्रह्मपुत्र नदी बहती है.

पासीघाट से 60 किमी की दूरी पर स्थित पनगिन गांव सियोम और सियांग नदियों के संगम पर स्थित है. पनगिन अपने शानदार नीले और हरे रंग की प्राकृतिक छटा बिखेरता यह गांव बहुत ही सुंदर दिखता है. प्रकृति प्रेमियों के लिए यह शानदार जगह है. वन्यजीवों में रुचि रखने वाले पर्यटक ड़ी’ एरिंग वन्यजीव अभ्यारण्य जाना नहीं भूलते. पासीघाट का इस अभयारण्य के पास से ही सियांग यानी ब्रह्मपुत्र नदी बहती है.
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अरुणाचल प्रदेश और असम के पास के शहरों से सड़क मार्ग से पासीघाट पहुंचा जा सकता है. गुवाहाटी से तो यह महज एक रात का सफर है. रेल मार्ग की बात करें तो असम का मुर्कोंग यहां से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है. वहीं हवाई मार्ग की बात करें तो आपको लीलाबाड़ी एयरपोर्ट या डिब्रूगढ़ के मोहनबाड़ी एयरपोर्ट पर उतरना होगा और वहां से सड़क मार्ग से आप पासीघाट पहुंच सकते हैं.    (Photos' Source: fb@Citypasighat)

अरुणाचल प्रदेश और असम के पास के शहरों से सड़क मार्ग से पासीघाट पहुंचा जा सकता है. गुवाहाटी से तो यह महज एक रात का सफर है. रेल मार्ग की बात करें तो असम का मुर्कोंग यहां से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है. वहीं हवाई मार्ग की बात करें तो आपको लीलाबाड़ी एयरपोर्ट या डिब्रूगढ़ के मोहनबाड़ी एयरपोर्ट पर उतरना होगा और वहां से सड़क मार्ग से आप पासीघाट पहुंच सकते हैं. (Photos’ Source: fb@Citypasighat)

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