बाराबंकी हादसा…40 सीटर बस में भरे थे 130 लोग: चश्मदीद ने कहा- सड़क पर बिखरते चले गए शव

बाराबंकी। जिले में अयोध्या-लखनऊ हाईवे पर मंगलवार रात हुए हादसे में 19 लोगों की मौत हो गई। यह हादसा रामसनेही घाट कोतवाली क्षेत्र में हुआ। स्लीपर बस का एक्सल टूट गया था। हाइवे की क्रेन आने में देर हुई तो ड्राइवर 15 मिनट में लौटने की बात कहकर मैकेनिक को लाने के लिए निकल गया था। यात्रियों को सचेत भी कर गया था कि बस के आसपास मत रहना। इतने में पीछे से आए तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी।

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यात्री भरत ने बताया कि रात के 11 बजे रहे थे। ड्राइवर मैकेनिक को बुलाने के लिए निकल गया था। बस में करीब 130 लोग सवार थे। कुछ लोग बस में बैठे रहे, बाकी लोग उतरकर आसपास के ढाबे और कुछ लोग बस के नीचे लेटे हुए थे। इतने में पीछे से आए तेज रफ्तार ट्रक ने बस को जोरदार टक्कर मार दी।

टक्कर इतनी भीषण थी कि बस करीब 10 मीटर तक घिसटती चली गई। इसके चलते नीचे सो रहे लोग कुचल गए। यह हादसा करीब 11:30 बजे का है। सड़क पर हर तरफ शव बिखर गए थे। हर तरफ चीख-पुकार मच गई थी। हर कोई अपनों को खोज रहा था।

ट्रक की टक्कर से बस का पिछला हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है।
ट्रक की टक्कर से बस का पिछला हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है।

सुबह 5 बजे लखनऊ ट्रामा सेंटर पहुंचे मरीज
इस हादसे में 23 से ज्यादा यात्री घायल हुए हैं। इनमें से 7 घायलों भोला (60 साल), इंदुल साहनी (36 साल), सुरेश पंडित (35 साल), मिथिलेश (40 साल), संतोष (20 साल), शंभू (18 साल) और जोगिंदर (45 साल) को बुधवार सुबह 5 बजे ट्रामा सेंटर लखनऊ लाया गया। इनमें से सुरेश व मिथलेश हालत गंभीर है।

ट्रामा सेंटर इमरजेंसी के प्रभारी संदीप तिवारी ने बताया कि सुरेश की रीढ़ की हड्डी समेत शरीर के कई हिस्सों में फ्रैक्चर है, उसकी स्थित गंभीर बनी हुई है। वहीं मिथलेश को गंभीर हेड इंजरी है। फिलहाल दोनों की हालत नाजुक है और सभी का उपचार चल रहा है। इन दोनों के अलावा अन्य सभी खतरे से बाहर हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने मरीजों का जाना हाल

यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने ट्रामा सेंटर पहुंचकर घायलों का हाल जाना है। उन्होंने बताया कि घायलों को 50-50 हजार और मुफ्त इलाज व मृतकों के परिवार को दो-दो लाख रुपए मुआवजा मिलेगा।

ट्रामा में भर्ती मरीजों की जुबानी हादसे की कहानी

लखनऊ ट्रामा सेंटर में भर्ती जोगिंदर। उनके साथ बेटा मंटू।
लखनऊ ट्रामा सेंटर में भर्ती जोगिंदर। उनके साथ बेटा मंटू।

हरियाणा के कैथल में धान रोपाई का काम करने वाले बिहार के शिवहर जनपद के 20 वर्षीय मंटू अपने पिता जोगिंदर के साथ हरियाणा से बिहार लौट रहे थे। कहते हैं कि वे खुद कैसे बच गए पता नहीं? वह दावा करते हैं कि कम से कम 30 लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया होगा। उनके एक साथी दिलीप का अभी तक कोई अता पता नहीं है। पिता जोगिंदर के हाथ व पैर में फ्रैक्चर है। मंटू बिहार जाने को चिंतित, उन्हें लग रहा कि इस दशा में कैसे पिता जोगिंदर को लेकर बिहार जाएंगे?

सीतामढ़ी निवासी भोला कहते हैं कि धान रोपने के काम के लिए अंबाला जाते हैं। हर दिन मजदूरी करीब 600 रुपए मिल जाती है। चक्का टूटने के कारण बस रोड किनारे खड़ी थी। गर्मी होने के कारण काफी लोग बस से उतर कर बाहर साइड में बैठ गए और खड़े थे। इसी बीच पीछे से ट्रक ने बस में टक्कर मार दिया। नतीजा यह रहा कि बस नीचे रहे लोगों पर चढ़ गई। उसके बाद बेहोश हो गया था। यहां जब आएं तभी होश आया।

बस में क्षमता से अधिक थे लोग
यात्री फौनी साहनी ने बताया कि हरियाणा के अंबाला शहर से एक बस में सवार हुए थे जो हिसार तक जा रही थी। हिसार से इन्होंने बस खराब होने की बात कहकर दूसरी बस में बैठाने लगे। जिसमें पहले से ही यात्री सीट फुल हो चुकी थी। यात्री इस बस में बैठने से इंकार कर रहे थे। तब बस के संचालकों ने डंडे मार-मार कर उन्हें जबरन बस में बैठाया। यात्रियों के मुताबिक 40-50 लोगों की क्षमता वाली इस बस में 130 यात्री जबरन ठूंस दिए गए। इस घटना के बाद हाईवे की क्रेन 4 घंटे तक मौके पर नहीं पहुंची और लोगों की मौत का आंकड़ा बढ़ता रहा।

बस यात्री फौनी साहनी ने बताया कि सभी यात्री बिहार लौट रहे थे।
बस यात्री फौनी साहनी ने बताया कि सभी यात्री बिहार लौट रहे थे।

5 थानों की पुलिस करा रही पंचनामा, पुलिस ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
बाराबंकी प्रशासन ने हादसे के बाद कंट्रोल रूम का नंबर जारी किया है। पीड़ित परिवार और रिश्तेदार 9454417464 पर संपर्क कर सकते हैं। एसपी यमुना प्रसाद ने बताया कि बस में ज्यादातर लोग पंजाब और हरियाणा में काम करके वापस अपने घर लौट रहे थे। पांच थानों की पुलिस लगाकर मृतकों का पंचनामा कराया जा रहा है। साथ ही एसडीएम और सीएओ के माध्यम से टीम बनाई गई है जिससे सभी का जल्द पोस्टमार्टम हो सके।

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