इस्लामाबाद। पाकिस्तान में लगातार बारिश और भीषण बाढ़ के कारण जगह-जगह तबाही के मंजर आम हो गए हैं। भीषण आपदा के कारण सैकड़ों लोगों की मौत होने के बाद अब पाकिस्तानी सरकार ने दुनिया के सामने मदद के लिए झोली फैलाई है।
पाकिस्तान के सिंध, बलूचिस्तान और पंजाब प्रांतों में तेज बारिश और बाढ़ से जानलेवा संकट आ खड़ा हुआ है। खैबरपख्तूनख्वा प्रांत में भी बाढ़ धीरे-धीरे मुसीबत बनती जा रही है। सरकार ने भी स्वीकार किया है कि इस आपदा के कारण अब तक नौ सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा खेती और पशुओं को भी भारी नुकसान हुआ है।
पाकिस्तान की जलवायु परिवर्तन मामलों की मंत्री शेरी रहमान ने कहा है कि अत्यधिक बारिश के कारण ऐसी तबाही आई है, जैसी युगों में कभी एक बार देखने को मिलती है। देश के अलग-अलग हिस्सों में असामान्य रूप से जोरदार बारिश का सिलसिला बीते एक महीने से चल रहा है, लेकिन पिछले तीन दिन में हालात बहुत बिगड़ गए हैं। सिर्फ बलूचिस्तान प्रांत में 710 किलोमीटर सड़क और 18 पुल पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। लगभग 20 हजार घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस प्रांत में दो सौ से अधिक लोगों और पांच लाख से अधिक पशुओं की जान जाने की भी खबर है। अन्य प्रांतों से भी ऐसी खबरें मिली हैं।
शेरी रहमान ने कहा कि राज्यों की बात तो दूर, पाकिस्तान की संघीय सरकार भी इस जलवायु विनाश के परिणामों का अकेले मुकाबला कर सकने की स्थिति में नहीं है। हजारों लोग बेघर हो गए हैं और सैकड़ों लोगों की जान खतरे में हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तुरंत मदद देने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जलवायु परिवर्तन के दक्षिण एशिया में हो रहे विनाशकारी असर से प्रभावित हुआ है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उसकी मदद के लिए आगे आना चाहिए। इसके लिए सरकार ने एक अलग बैंक खाता भी खोला है, इसमें विदेशों में रहने वाले लोग अनुदान भेज सकते हैं। पाकिस्तान सरकार ने देश-विदेश की संस्थाओं से टेंट, मच्छरदानी, बिस्तर, खाद्य पदार्थ, दवाएं और अन्य जरूरी सामान की मदद देने की अपील की है।
पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने देश के सभी बैंकों को बाढ़ पीड़ितों के सहायता राशि जुटाने का आदेश जारी किया है। पाकिस्तान सरकार ने भी देश के लोगों से उदारता से प्रधानमंत्री राहत कोष में दान देने की अपील की है। पाकिस्तान के अलग-अलग राज्यों की सरकारों ने भी अनुदान जुटाने की मुहिम शुरू की है। सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री ने सभी परोपकारी और कल्याणकारी संस्थाओं से इस काम में जुटने की गुजारिश की है।