लखनऊ। यूपी में श्रम विभाग द्वारा कोरोना काल में मुक्त कराए गये बाल श्रमिक बच्चों को यूपी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ अभी तक नहीं मिल पा रहा है। जबकि इसको लेकर समाज सेवी संस्थान से लेकर राजनैतिक दल समय-समय पर उनकी मांग को उठा रहे है। कोरोना काल में यूपी में 1995 बच्चों को बालश्रम से मुक्त कराया गया था। इनके भरण-पोषण और पढ़ा के लिए हर माह सरकार की तरफ से 25 सौ रुपया महीना मिला था।
कोरोना काल में अभियान चलाकर मुक्त कराए गए थे 1995 बच्चे
यूपी में 10 मार्च 2021 से 25 मार्च 2021 और 16 अगस्त 2021 से 30 अगस्त 2021 तक में बाल श्रम अभियान के तहत बच्चों को चिन्हित करने का अभियान चला। जिसमें दस मार्च 2021 से 25 मार्च 2021 वाले अभियान में 624 और 25 मार्च 2021 से 16 अगस्त 2021 वाले अभियान में 1371 बच्चे चिन्हिंत हुए। इन्हें समाज सेवी संस्थानों ने सरकार की मदद से मुक्त कराकर घर और समाज कल्याण से जुड़े लोगों के सुपुर्द किया।
इसको लेकर बचपन बचाओ आन्दोलन संस्था लगातार सरकार से बच्चों के हक को लेकर सवाल उठा रही है। संस्था के स्टेट कोऑर्डिनेटर सूर्य प्रताप मिश्र ने बताया कि यूपी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना एवं बाल सेवा योजना (सामान्य) माननीय मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में है, लेकिन लचर कार्यप्रणाली के चलते बच्चों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
बच्चों को समय से हक मिलने पर दोबारा नहीं करेंगे काम
बचपन बचाओ आन्दोलन संस्था देश भर में बाल श्रम में जुटे लोगों को मूल धारा में लाने का काम कर रही है।
संस्था का कहना है कि यदि बच्चों का रेस्क्यू होने के बाद सरकारी मदद मिल जाती है और सही से मॉनीटरिंग होती है तो वह दोबारा बालश्रम के दलदल में नहीं फसते।
जिससे वह पढ़ाई करने के बाद किसी रोजगार या नौकरी करने के लायक बन जाते हैं। संस्था ने कोरोना काल और उसके आसपास रेस्क्यू किए गए बच्चों को सरकारी मदद के लिए अपना अभियान चला रही है।
कोरना काल में यहां चला अभियान
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