कानपुर। कानपुर में आठ पुलिसवालों की हत्याकांड से संबंधित सभी पहलुओं की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) रविवार विकास दुबे के गांव बिकरु पहुंच गई। हालांकि घटना के मुख्य अभियुक्त रहे पांच लाख का इनामी विकास दुबे एसटीएफ की मुठभेड़ में मारा गया, लेकिन शासन मामले के तह तक जाना चाहता है। इसी के चलते एसआईटी टीम विकास दुबे की संपत्तियों के अलावा उसके अपराध में जुड़े होने समेत कई अन्य बिंदुओं पर जांच में जुटी हुई है।
यह टीम 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। इस टीम की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव संजय भूस रेड्डी कर रहे हैं। एसआईटी टीम के पहुंचने से पहले ही कानपुर के डीएम और एसएसपी गांव पहुंचे।
अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता वाली इस एसआईटी में अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रवींद्र गौड़ भी शामिल हैं। एसआईटी विकास दुबे और उससे पुलिस के रिश्तों के साथ ही अब-तक उस पर एक्शन न किए जाने के कारणों की जांच भी करेगी।
इसके अलावा विकास दुबे के एक साल के कॉल रिकॉर्ड की भी जांच होगी। इसके अलावा विकास दुबे के खिलाफ आई शिकायतों पर एसओ चौबेपुर और जनपद के अन्य अधिकारियों के जरिए क्या जांच की गई तथा क्या कार्रवाई हुई इसकी रिपोर्ट भी सरकार को सौंपी जाएगी।
बता दें कि दो जुलाई की रात पुलिस मूवमेंट की जानकारी विकास दुबे को पहले ही दे दी गई थी। इस मामले में एसओ चौबेपुर, चौकी इंचार्ज समेत पूरे चौबेपुर थाने पर कार्रवाई की गई थी। एसआईटी यह भी जांच करेगी कि विकास दुबे पर कितने मामले दर्ज थे और क्या उनकी सही से जांच की गई या नहीं।
उसके साथियों को सजा दिलाने के लिए ठीक से एक्शन लिया गया कि नहीं। विकास दुबे ने कितनी अवैध सरकारी व गैर सरकारी जमीनों पर कब्जा किया, इसकी छानबीन भी की जाएगी। विकास दुबे और उसके साथियों की प्रॉपर्टी की जांच भी की जाएगी।
घटना स्थल और शिवली थाने पहुंची टीम
एसआईटी की टीम सबसे पहले घटनास्थल बिकरु गांव पहुंची और ग्रामीणों से बातचीत कर साक्ष्य जुटाने का प्रयास किया। यहां पर आईपीएस जे रविंद्र ने घटना से जुड़े हर बिंदु की गहन पड़ताल करने के साथ ही सीओ के मारे जाने वाले स्थल और पांच सिपाही के मारे जाने वाली जगह का बारीकी से निरीक्षण किया। यहां से एसआईटी को लीड कर रहे अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी कानपुर देहात के शिवली थाने पहुंचे।
उन्होंने शिवली थाने में भाजपा के पूर्व राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड समेत विकास के खिलाफ दर्ज मुकदमों की फाइलों की जांच की। इसके साथ ही सिद्धेश्वर पांडेय हत्याकांड में गवाह रहे व्यक्ति से पूछताछ की। इसके बाद बमबाजी कांड में पीड़ित पक्ष लल्लन बाजपेयी से जानकारी ली और उनसे पूर्व मंत्री के हत्याकांड के बारे में भी पूछा। दोपहर करीब पौने दो बजे टीम वापस बिकरू के लिए रवाना हो गई।
ग्रामीणों को विश्वास में लेने का किया जा रहा प्रयास
बिकरु गांव में घटना के बाद से लोग डरे हुए है और लोगों के बीच तनाव साफ दिख रहा है और कई घरों में ताला बंद है। वहीं अन्य घरों से लोग बाहर नहीं निकल रहे हैं। ऐसे में पुलिस और प्रशासन के अफसर गांव वालों से मिल कर विश्वास में लेने के लिए प्रयासरत हैं। अफसर ग्रामीणों को सुरक्षा का भरोसा दिला माहौल को सामान्य कराने में जुटे हैं। इसी क्रम में पहले शनिवार और फिर रविवार सुबह डॉ. डीएम ब्रह्मदेव तिवारी ने गांव पहुंचकर लोगों से बातचीत भी की और सुरक्षा का भरोसा दिलाया।