बिजनौर से लखनऊ तक फरार बदमाश आदित्य राणा को खोज रही पुलिस

बिजनौर। शातिर आदित्य राणा की फरारी का क्लू तलाशने में पुलिस जुटी है। पुलिस ने जजी परिसर की सीसीटीवी फुटेज खंगाली। मंगलवार को पेशी पर आए अन्य बंदियों से मिलने वालों के बारे में जानकारी ली। लखनऊ जेल से भी पुलिस मिलाई करने वालों की जानकारी जुटा रही है। आशंका है कि कहीं पेशी के दौरान शातिर ने फरारी की साजिश तो नहीं रची है।

शाहजहांपुर से हुआ फरार 

स्‍योहारा थाना क्षेत्र के गांव राना नंगला निवासी आदित्य राणा मंगलवार रात शाहजहांपुर से फरार हो गया था। एसपी ने छह टीमें उसकी तलाश में लगाई है। आशंका है कि शातिर ने पहले ही फरारी की साजिश बुन ली थी। वह अकसर शाहजहांपुर के उक्त होटल पर ही खाना खाता था।

हो सकता है कि बिजनौर में पेशी के दौरान उसने योजना बना ली होगी। इसलिए पुलिस टीमों ने सीसीटीवी फुटेज खंगाली। बंदी गृह पर तैनात पुलिसकर्मियों और पेशी पर आए बंदियों से पूछताछ की। जानकारी जुटाई कि कोई आदित्य से मिलने तो नहीं आया था।

दूसरी ओर शाहजहांपुर तक कुछ स्थानों पर सीसीटीवी फुटेज खंगाली। कोई संदिग्ध वाहन आदित्य का पीछा तो नहीं कर रहा था। कभी वह भागने के बाद उसी वाहन से निकल गया। दूसरी ओर आदित्य के गिरफ्तारी को लेकर जोन की पुलिस संयुक्त ऑपरेशन चला रही है। एसपी दिनेश सिंह का कहना है कि टीमें शातिर की तलाश में लगी है।

खासकर गांव राना नंगला में घेराबंदी की गई है। गांव में मुकेश और राकेश के परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी है। पुलिस की गारद तैनात कर दी है। आदित्य ने दोनों भाई की हत्या की थी। पुलिस ने जंगल में छानबीन की है। आशंका है कि वह गांव में आ सकता है। क्योंकि वह किसी मकसद से भागा है। पुलिस इसकी पड़ताल कर रही है।

गुरुवार को पुलिस ने गांव की घेराबंदी रखी। गांव के बाहर आने-जाने वाले वाहनों और व्यक्तियों की चेकिंग की। पुलिस टीम ने आदित्य के भाई बिट्टू और अन्य स्वजन को पूछताछ के लिए उठाया है। बिट्टू राना नंगला का ग्राम प्रधान है। हालांकि, सालों पहले वह आदित्य से नाता तोड़कर चुका है। वह अलग रहता है। पुलिस पूछताछ में कोई क्लू तलाश रही है।

मामूली से विवाद ने आदित्य को बना दिया बदमाश 

आदित्य राणा पढ़ाई टाइम से ही फोर्स में जाना चाहता था। उसने आर्मी में रेस मार दी थी। स्योहारा  पुलिस से आदित्य राणा का चरित्र सर्टिफिकेट मांगा। इसी दौरान आदित्य के पिता राजपाल और राकेश के परिवार में विवाद चल रहा था। उस विवाद में आदित्य का नाम भी दर्ज था। आदित्य की नौकरी के कारण राकेश फैसला करना चाहा लेकिन उन्होंने फैसला नहीं किया। नौकरी नहीं लगने के कारण वह उनसे रंजिश रखने लगा था।

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