लखनऊ। बिजली संकट को लेकर उप्र सरकार और पावर कॉरपोरेशन की परेशानी भी बढ़ते जा रही है। खुद सीएम योगी ने सख्त होते जा रहा है। बताया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर पीएम को पत्र लिखा है। इसमें यहां बंद पड़ी यूनिटों के लिए कोयले की मांग की गई है। दरअसल, कोयले की कमी के कारण उप्र में 8 यूनिट ठप हो गई है। इसकी वजह से 4000 मेगावाट बिजली पर असर पड़ रहा है। इसके अलावा 2000 मेगावाट पर भी उत्पादन कम क्षमता पर हो रहा है।
सीएम के अलावा पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने अपने विभागीय लोगों की अपील कर दी है। इसमें कहा है कि कॉरपोरेशन मौजूदा समय 90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घाटे में है। ऐसे में वेतन बढ़ाने समेत कई मांगों पर बात या आंदोलन करने का यह सही समय नहीं है।
उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी आदि कारणों से कॉरपोरेशन की वित्तीय स्थिति प्रभावित है। देशव्यापी कोयले की समस्या एक नई चुनौती बनकर खड़ी हो गई है। मौजूदा समय पर्याप्त बिजली न होने की वजह से गांव से लेकर तहसील में बिजली कटौती बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि यही स्थिति रही तो शहर में भी बिजली कटेगी। बताया जा रहा है कि इस महीने के अंत तक कोयले की दिक्कत रहेगी।
आर्थिक स्थिति में बोझ न बढ़ाएं
उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थिति हो देखते हुए पावर कॉरपोरेशन कार्मिकों के वेतन को बढ़ाकर अतिरिक्त आर्थिक बोझ को सहने की स्थिति में नहीं है। आंदोलन से पावर कॉरपोरेशन की वित्तीय स्थिति और विद्युत आपूर्ति दोनों प्रभावित हो सकते हैं। जोकि प्रदेश, विद्युत उपभोक्ता और कॉरपोरेशन के लिए हितकर नहीं है।
मेरा सभी आंदोलनरत संगठनों एवं कार्मिकों से आग्रह है कि वह अपना आंदोलन समाप्त कर प्रदेश की विद्युत व्यवस्था और बेहतर करने एवं कारपोरेशन की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ करने के महती कार्य में पूर्ववत जुट जाएं।