बिलकिस बानो केस में दोषियों की रिहाई पर SC का केंद्र और गुजरात सरकार को नोटिस

नई दिल्ली। बिलकिस बानो केस (Bilkis Bano Case) में दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर गुजरात सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। दो हफ्ते बाद मामले की सुनवाई होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, ‘सवाल यह है कि गुजरात सरकार के नियमों के तहत दोषी छूट के हकदार हैं या नहीं? हमें यह देखना होगा कि क्या छूट देते समय इस पर ध्यान दिया गया था।’ दोषियों की रिहाई के खिलाफ पूर्व सांसद सुभाषिनी अली, पत्रकार रेवती लाल और प्रोफेसर रेखा वर्मा की ओर से याचिका दायर की गई है। याचिका में गुजरात सरकार के आदेश को रद करने की मांग की गई है।

गुजरात सरकार ने रिहा किए 11 दोषी

गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने 15 अगस्त को बिलकिस बानो केस में 11 दोषी को रिहा कर दिया है। सभी दोषी उम्रकैद की सजा काट रहे थे। मुंबई में सीबीआइ की एक विशेष अदालत ने 11 दोषियों को 21 जनवरी 2008 को सामूहिक दुष्कर्म और बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बंबई हाईकोर्ट में भी सजा को बरकरार रखा था। दोषियों में से एक राधेश्याम ने सजा माफी के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी।

क्या है मामला?

गुजरात में गोधरा कांड के बाद तीन मार्च 2002 दंगे भड़के थे। दंगे के दौरान दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका के रंधिकपुर गांव में उग्र भीड़ बिलकिस बानो के घर घुस गई थी। दंगाइयों ने बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। इतना ही नहीं दंगाइयों ने बिलकिस के परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी थी। घटना के वक्त बिलकिस गर्भवती थी। इस दौरान परिवार के 6 सदस्य जान बचाकर भागने में कामयाब रहे। आरोपियों को 2004 में गिरफ्तार किया गया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here