नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी से बचाव के क्रम में देशभर में जारी लॉकडाउन के कारण लोगों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा रहा है। इस बीच 15 वर्षीय एक लड़की की बहादुरी की कहानी हर ओर छाई हुई है, जिसने साइकिल पर अपने पिता को बैठाकर हरियाणा से बिहार तक का सफर पूरा किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी और सलाहकार इवांका ट्रम्प ने बिहार की 15 साल की बच्ची ज्योति के हौसले की तारीफ की है। ज्योति ने अपने जख्मी पिता को साइकिल पर बिठाकर 1200 किलोमीटर की दूरी तय की थी। वो 7 दिन साइकिल चलाकर अपने घर पहुंची थी। इवांका ने कहा है कि ज्योति ने जो किया, वह सहनशीलता और अपनों के लिए प्यार का एक खूबसूरत उदाहरण है। इससे भारत के लोगों की भावनाएं पता चलती हैं।
ज्योति के हौसले को देख साइक्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने उन्हें ट्रायल के लिए बुलाया है। ट्रायल सफल रहती है तो ज्योति को दिल्ली में नेशनल साइक्लिंग एकेडमी में फेडरेशन के खर्च पर ट्रेनिंग दी जाएगी। ज्योति का कहना है कि इस ऑफर से बहुत खुश हूं, अगले महीने ट्रायल देने जाऊंगी।
लॉकडाउन से पहले ज्योति पिता के पास गई थी
ज्योति के पिता मोहन पासवान गुड़गांव में रिक्शा चलाते थे। ज्योति मार्च में पिता के पास गई थी। इसके बाद देशभर में लॉकडाउन हो गया। इसी बीच उसके पिता एक्सीडेंट में घायल हो गए। मोहन का काम-धंधा बंद हो गया, पैसे थे नहीं, ऊपर से मकान मालिक घर से निकालने की धमकी देने लगा। बाप-बेटी खाने तक के लिए मोहताज हो गए थे। इसलिए, ज्योति ने पिता को साथ लेकर अपने घर जाने की ठान ली। ज्योति का घर दरभंगा के सिरहुल्ली गांव में है।
पिता ने ज्योति को रोकना चाहा, लेकिन नहीं मानी
लॉकडाउन में पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद है, इसलिए ज्योति ने पैसे उधार लेकर साइकिल खरीदी और घर लौटने को तैयार हो गई। जख्म होने की वजह से मोहन खुद साइकिल नहीं चला सकते थे, इसलिए उन्होंने बेटी को ये कहकर रोकना चाहा कि मेरा वजन खींचना आसान नहीं होगा। लेकिन, ज्योति ठान चुकी थी और उसने कर दिखाया।
उल्लेखनीय है कि ज्योति के पिता गुरुग्राम में रिक्शा चलाते थे और उनके दुर्घटना का शिकार होने के बाद वह अपनी मां के साथ गुरुग्राम आई थी और फिर पिता की देखभाल के लिए यहीं रुक गई। इसी बीच कोविड-19 के कारण लॉकडाउन की घोषणा हो गई और ज्योति के पिता का काम ठप पड़ गया। तब ज्योति ने पिता को साथ लेकर साइकिल से वापस गांव तक का सफर करने का फैसला किया और फिर उसे पूरा भी किया।