पटना। बिहार में गंडक व कोसी सहित कई नदियों के जल-स्तर में वृद्धि के कारण बाढ़ के हालात गंभीर हो गए हैं। गंडक खतरे के निशान पार कर गई है। नदी के भारी दबाव के कारण गंडक के तिलावे और सिकरहना के रिंग बांध टूट गए। उधर गोपालगंज में रिंग बांध में रिसाव से दहशत है। सारण तटबंध सहित तटबंधों पर दबाव लगतार बढ़ रहा है। लगातार नए इलाकों में पानी फैल रहा है।
उधर, कोसी तटबंध के अंदर बसे गांवों में भी पानी घुस गया है। इससे हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। कई जिलों के बीच सड़क संपर्क भंग हो चुका है। भोजन और पशुचारा का संकट बढ़ गया है। सैकड़ों घर ध्वस्त हो चुके हैं। इस बीच बीते 24 घंटे के दौरान डूबने से 10 लोगों की मौत हुई है।
बाढ़ के पानी में डूबने से 10 की मौत
बिहार में नदियां उफान पर हैं। उत्तर बिहार के साथ कोसी और सीमांचल में भी बाढ़ की समस्या गहरा रही है। पूर्व बिहार की स्थिति फिलहाल सामान्य है। सुपौल में कोसी तटबंध के कई बिंदुओं पर कोसी का दबाव बना हुआ है। बीते 24 घंटे के दौरान डूबने से 10 लोगों की मौत होचुकी है। सुपौल में एक किसान सहित पश्चिम चंपारण में तीन, शिवहर और सीतामढ़ी में दो -दो और मधुबनी व बेगूसराय में एक-एक व्यक्ति की बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गई है।
पूर्वी चंपारण: सिकरहना व तिलावे के रिंग बांध टूटे
पूर्वी चंपारण में सिकरहना और तिलावे नदी के रिंग बांध टूटने से सुगौली और बंजरिया प्रखंडों के गांवों में पानी फैल गया है। रक्सौल के आदपुर प्रखंड के बखरी व कोरैया पंचायतों को जोड़ने वाली पुलिया बाढ़ में ध्वस्त हो गई है। आदपुर प्रखंड के झिटकहिया गांव स्थित विद्यालय, पंचायत भवन व आंगनबाड़ी केन्द्र में बाढ़ का पानी घुस गया है। जिला के अरेराज के नवादा गांव में बाढ़ के कारण स्थिति बिगड़ गई है। वहां बाढ़ के दौरान छतों पर शरण लिए लोगों को नाव से ऊंचे स्थान पर ले जाया गया।
पश्चिम चंपारण: वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में घुसा पानी
पश्चिम चंपारण में वाल्मिकी टाइगर रिजर्व का बड़ा हिस्सा जलमग्न है। नौतन, बैरिया और योगापट्टी दियारे के पांच सौ परिवार पलायन कर चुके हैं। एनडीआरएफ की टीम लोगों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचा रही है। बैरिया में बैजुआ दियारा से लोग सामान लेकर ऊंचे स्थान पर जा रहे हैं। योगापट्टी प्रखंड के मधंतापुर गांव को प्रशासन ने खाली करा लिया है। पश्चिम चंपारण में चंपारण तटबंध पर नौतन दियारा के बाढ़ पीड़ितों ने शरण ली है। उधर, गोपालगंज मार्ग में कटाव के कारण आवागमन बाधित हो गया है। कटावरोधी कार्य शुरू कर दिया गया है।
गोपालगंज: रिंग बांध से रिसाव, सारण तटबंध पर दबाव
गोपालगंज में गंडक खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। दियारा के निचले इलाके के 52 गांवों में बाढ़ की स्थिति बिगड़ गई है। जलस्तर बढ़ने से रिंग बांध तथा सारण तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ता जा रहा है। पानी के दबाव से बरौली प्रखंड के देवापुर चौबे टोला के समीप, सिकटिया तथा परसौनी गांव के समीप रिंग बांध से पानी का रिसाव शुरू हो गया है। परसौनी के समीप रिंग बांध में तेज रिसाव से बांध के ध्वस्त होने की आशंका से ग्रामीण गांव छोड़कर पलायन करने लगे है। रिंग बांध को बचाने के लिए बाढ़ नियंत्रण विभाग की टीम रिसाव को बंद करने के प्रयास में जुटी है ।
मधुबनी और समस्तीपुर में स्थिति गंभीर है। मधुबनी में अधवारा समूह की धौंस नदी का जलस्तर बढ़ने से बेनीपट्टी-मधवापुर का सम्पर्क भंग हो गया है। बेनीपट्टी-साहरघाट मुख्य पथ पर पानी आ जाने से आवागमन ठप है। कई नए इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बेनीपट्टी-साहरघाट मुख्य पथ में उच्चैठ डायवर्सन पर बाढ़ का पानी बह रहा है। दरभंगा के हायाघाट में करेह नदी के तटबंध पर दबाव है।
सीतामढ़ी में बाढ़ का कहर लगातार जारी है। सभी नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। उधर, सीतामढ़ी शहर के अंदर लखनदेई नदी में राहत एवं बचाव में एसडीआरएफ जुटा है। बागमती नदी ढेंग, बेलसंड चंदौली, सोनाखान, डुबाघाट व कटौझा में तो अधवारा नदी सुंदरपुर, पपुरी व लालबकेया नदी गुआबाड़ी में खतरे के निशान के उपर बह रही है। नेपाल से निकलने वाली झीम नदी सोनबरसा में कल तक स्थिर थी वो भी आज उफान पर है। रातो नदी व मरहा नदी में उफान के बाद सूरसंड, भिट्ठामोड़, चोरौत, बाजपट्टी में सड़कों पर पानी दो से तीन फीट बह रहा है। शिवहर में नेशनल हाइवे 104 और स्टेट हाइवे 54 पर पानी जमा रहने से मोतिहारी व सीतामढ़ी से संपर्क भंग है।
कोसी तटबंध के भीतर गांवों में घुसा पानी
सुपौल में कोसी नदी ने चार बिंदुओं पर दबाव बना दिया है। इसमें नेपाल प्रभाग के नेपाली बांध के दो बिंदु एवं भारतीय प्रभाग के पश्चिमी तटबंध के दो जगह शामिल हैं। सहरसा में कोसी के जलस्तर में इजाफे से तटबंध के अंदर गांवों में पानी भर गया है। लोग नाव के माध्यम से बांधों व सड़कों पर शरण ले रहे हैं। मधेपुरा के आलनगर व चौसा के कई गांवों में पानी भर जाने के कारण लोग ऊंची जगहों पर जा रहे हैं।
पूर्णिया में महानंदा खतरे के निशान से ऊपर
पूर्णिया की नदियों में भी पानी बढ़ रहा है। महानंदा जलस्तर खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर है, लेकिन जलस्तर घट रहा है। परमान का जलस्तर भी खतरे के निशान के करीब है। कई गांवों पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है।
गंडक की बाढ़ ने उड़ाई यूपी के अधिकारियों की भी नींद
नेपाल में हुई भारी बारिश से गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बाढ़ का खौफ न सिर्फ बिहार, बल्कि उत्तर प्रदेश यूपी के लोगों को भी है। यूपी के कुशीनगर जिले के सोहगीबरवा, खड्डा समेत कई अन्य इलाकों में गंडक नदी का पानी कहर बरपाता है। नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी की सूचना पर बिहार के अधिकारियों के साथ यूपी के अधिकारी भी बेचैन हो गए थे। कुशीनगर डीएम भूपेन्द्र एस चौधरी एवं एसपी विनोद कुमार मिश्र गंडक बराज नियंत्रण कक्ष का जायजा लेने वाल्मीकिनगर पहुंचे थे। अमवा खास तटबंध पर गंडक का दबाव कायम है। यहां यूपी के अभियंताओं की टीम भी कैंप कर रही है।