-भूखे प्यासे मजदूर पीजीआई कोतवाली पर मदद का करते रहे इंतजार
लखनऊ। डग्गामार बस को जब्त करने का खामियाजा मजदूरों को भुगतना पड़ा। बिहार से 55 मजदूर लेकर जा रही बस को आरटीओ चेकिंग दल ने पकड़कर थाने में बंद कर दिया। बस में सवार सभी मजूदर उतार दिए गए। इन्हें दूसरी बसों से भेजने के बजाए चेकिंग दल मौके से फरार हो गए।
इस बीच 24 घंटे तक भूंखे प्यासे मजदूर पीजीआई थाने के आसपास भटकते रहे। रविवार सुबह आरटीओ चेकिंग दलों ने डग्गामार वाहनों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे थे। इस दौरान बिहार से 55 मजदूर लेकर हरियाणा के अंबाला जा रही बस नंबर यूपी 53 एफटी 8106 को सीज कर दिया।
बस को पीजीआई कोतवाली पुलिस की सुपुर्दगी में दे दी। लेकिन बस में सवार 55 मजदूरों का कोई भी अधिकारी ख्याल नहीं रखा कि आखिर यह लोग अपने गंतव्य स्थान तक कैसे जाएंगे?
14 हजार का चालान कराओ तब छूटेंगी बस
चालक गोपेश यादव ने बताया कि चेकिंग में बस पकड़ने के बाद कोई कागजात नहीं मांगें गए, बल्कि कहा कि 14 हजार की रसीद कटवा लो, तब बस छूट जाएगी। हमारे पास इतने पैसे नहीं थे। ऐसे में बस को सीज कर दिया गया। अब आरटीओ कार्यालय और कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं।
ऐसी स्थिति में 55 मजदूरों को क्या खिलाएंगे। जबकि इन मजदूरों को गंतव्य स्थान तक पहुंचाने की जिम्मेदारी विभाग की है। बिना किराया कैसे भेजे मजदूरों को आरटीओ चेकिंग दलों का कहना है कि 55 मजदूरों को गंतव्य स्थान तक भेजने के लिए चारबाग डिपो की रोडवेज मंगाई गई थी।
मजदूरों के पास किराया नहीं होने की वजह से बस वापस चली गई। ऐसे में बस मालिक चालान भरकर मौके पर बस छुड़वा लें और मजूदरों से वसूले गए किराये के बदले उन्हें गंतव्य स्थान तक पहुंचाए।