बीसीसीआई का आईपीएल यूएई में कराने का फैसला सही है या गलत ?

नई दिल्ली।  आईपीएल के आयोजन की घोषणा के साथ ही फैन्स और प्रायोजकों सहित हर व्यक्ति को खुश देखा जा सकता है जो आईपीएल से जुड़ा है। श्रीलंका ने भी आईपीएल के लिए ऑफ़र किया था लेकिन बीसीसीआई ने यूएई को ही चुना। इसके पीछे कारण है कि यूएई में एक बार पहले भी आईपीएल के कुछ मुकाबले खेले गए थे।

भारत में जब 2014 का लोकसभा चुनाव चल रहा था तब आईपीएल का शुरुआती चरण यूएई में आयोजित कराया गया था। दुबई, अबुधाबी और शारजाह के मैदान विश्व क्रिकेट में अलग पहचान रखते हैं। शारजाह में तो नब्बे के दशक में भारत और पाकिस्तान के बीच कई मुकाबले देखने को मिले थे। दुबई और अबुधाबी के स्टेडियम बाद में बने।

यूएई अत्याधुनिक सुविधाओं वाला देश है जहाँ कोरोना वायरस से सुरक्षा के तमाम इन्तजाम करने में कोई परेशानी नहीं होगी। इसके अलावा वहाँ के तीनों मैदानों में खिलाड़ी बसों से यात्रा कर सकते हैं। ज्यादा दूर नहीं होने के कारण इन शहरों में आवागमन के दौरान मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा यूएई में ठहरने की विश्व स्तरीय सुविधाएँ मौजूद हैं।

श्रीलंका समूद्र के किनारे बसा हुआ देश है जहाँ बारिश की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। दूसरी तरफ यूएई में मुश्किल से ही कभी बारिश होती है। ऐसे में मैचों के दौरान बारिश के खलल की सम्भावना काफी कम होगी। बीसीसीआई सहित टीमें भी यही चाहती हैं कि सभी मुकाबले पूरे हों। यूएई इस मामले में श्रेष्ठ स्थल कहा जा सकता है।

सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुआ अगर दर्शकों को आने की अनुमति दी जाती है, तो यूएई में विशाल तादाद में भारतीय रहते हैं। वहाँ आईपीएल को ख़ासा पसंद किया जाता है इसलिए भी यूएई की भूमिका अहम हो जाती है। जब भारत में आईपीएल होता है, तो वहाँ शाम को लोग दफ्तरों से जल्दी घर के लिए निकलकर टीवी के सामने बैठ जाते हैं। इसके अलावा दिन की शुरुआत भी दफ्तरों में पिछली रात हुए मैचों की चर्चा से होती है। इन तमाम चीजों के कारण यूएई में आईपीएल का आयोजन कराना सही निर्णय कहा जा सकता है।

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