बुद्ध पूर्णिमा: मोदी बोले- कोरोना ने बदलकर रख दिया, इस वक्त बुद्ध के आदर्शों पर चलना जरूरी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर वेसाक ग्लोबल सेलिब्रेशन को वर्चुअली संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कोरोना महामारी पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने महामारी के दौरान अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। कोरोना ने पूरी दुनिया को बदलकर रख दिया है। इस मुश्किल वक्त में बुद्ध के आदर्शों पर चलना जरूरी है। कोरोना के खिलाफ जंग में हमें बौद्ध संस्थाओं से सहयोग मिल रहा है।

मोदी के संबोधन की 3 अहम बातें
1. कोरोना से पूरी दुनिया संकट में

कोरोना की वजह से पूरी दुनिया संकट में है। महामारी ने दुनिया को बदल कर रख दिया है। भारत समेत कई देशों ने कोरोना की दूसरी लहर का सामना किया है। इस लड़ाई को साथ मिलकर ही जीता सकता है।

2. अब हमारे पास महामारी से लड़ने की अच्छी समझ
अब हमारे पास महामारी से लड़ने की अच्छी समझ विकसित हो गई है। अब हमारे पास वैक्सीन भी है, जिससे यह लड़ाई और मजबूत हुई है। इस संकट के समय में हमारे हेल्थकेयर, फ्रंट लाइन वर्कर्स अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की जानें बचा रहे हैं। डॉक्टर्स और नर्सों के योगदान को कोई भूला नहीं पाएगा।

3. हमें अपने वैज्ञानिकों पर गर्व
महामारी के दौरान लाखों लोगों ने अपनों को खोया है। उनका दर्द हम सब समझ सकते हैं। मैं उनके परिजनों के प्रति शोक व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि हमें अपने वैज्ञानिकों पर भी गर्व है, जिन्होंने एक साल से भी कम समय में वैक्सीन बनाई, जिससे हम लोगों की जान बचाने में सफल हो पाए।

IBC की मदद से हुआ कार्यक्रम
यह आयोजन संस्कृति मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) के सहयोग से आयोजित किया गया। इस वर्चुअल कार्यक्रम में दुनिया भर के बौद्ध संघों के प्रमुख शामिल हुए। श्रीलंका और नेपाल के प्रधानमंत्री के अलावा दुनियाभर के 50 से ज्यादा बौद्ध धर्मगुरु भी समारोह से जुड़े।

श्रीलंका में वेसाक के नाम से मनाया जाता है पर्व
बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म मानने वाले लोगों के लिए सबसे बड़ा पर्व है। इस धर्म को मानने वाले ज्यादातर लोग चीन, जापान, कोरिया, थाईलैंड, कंबोडिया, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और भारत में रहते हैं। वे इस दिन बोधि वृक्ष की पूजा करते हैं। श्रीलंका में इस दिन को वेसाक के नाम से मनाया जाता है।

बौद्ध धर्म के साथ हिंदुओं के लिए भी पवित्र है वैशाख पूर्णिमा
बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन गौतम बुद्ध की जयंती और निर्वाण दिवस है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। बौद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन को उनके जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। सनातन धर्म के अनुसार बुद्ध, भगवान विष्णु के 9वें अवतार हैं, इसलिए हिन्दुओं के लिए भी यह दिन पवित्र माना जाता है।

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