गौरतलब है कि नौसेना में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 7 अप्रैल को सामने आया था, एहतियातन इन संक्रमितों के संपर्क में आये अन्य लोगों का भी कोरोना परीक्षण करवाया जा रहा है।
सेनाध्यक्ष एमएम नरवणे ने शुक्रवार को बताया था कि ‘भारतीय सेना में से केवल आठ लोग कोरोना संक्रमित पाये गये हैं। जिनमें से आठ में से दो डॉक्टर और एक नर्सिंग असिस्टेंट हैं। चार संक्रमितों पर इलाज का असर दिख रहा है दिखाई दे रहा है। सेना के जो जवान किसी कोरोना संक्रमितों के संपर्क में नहीं आए हैं, उन्हें वापस उनकी यूनिट में भेज दिया जाएगा।हमने पहले ही बंगलूरू से जम्मू और बंगलूरू से गुवाहाटी के लिए दो विशेष्ज्ञ ट्रेनों का इंतजाम किया हुआ है। भारतीय नौसेना के कर्मियों को ऐसे समय पर कोरोना हुआ है जब अमेरिकी नौसेना में इसके मामले बढ़ रहे हैं।
भारतीय नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह ने भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमें ये सुनिश्चित करना होगा की युद्धपोतों और पनडुब्बियों जैसी परिचालन संपत्तियां वायरस से मुक्त रहें और नौसेना हमेशा अपने सैनिकों के साथ देश की सेवा के लिए तैयार रहे। भारतीय नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह ने भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमें ये सुनिश्चित करना होगा की युद्धपोतों और पनडुब्बियों जैसी परिचालन संपत्तियां वायरस से मुक्त रहें और नौसेना हमेशा अपने सैनिकों के साथ देश की सेवा के लिए तैयार रहे।
नौसेना अध्यक्ष ने कहा कि हमें अच्छी परिस्थितियों की आशा रखते हुए हमेशा बदतर के लिये तैयार रहना चाहिये, हमें सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार रहने की जरूरत है, एक वाकई एक लंबी लड़ाई है। सशस्त्र बल कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए हरसंभव उपाय कर रहे हैं।