बुलंदशहर। बुलंदशहर में जिंदगी का अंतिम जाम पीने के बाद सतीश, कलुआ, पन्ना लाल, सरजीत तथा सतीश मौत के आगोश में समा चुके हैं। यह सभी मजदूरी कर अपने-अपने परिवार का भरन-पोषण करते थे लेकिन अचानक हुई इस घटना के बाद कोहराम मच गया है। इनमे किसी के चार बचचे थे तो किसी के सात। कुछ बच्चे विवाहित थे तो बाकि पिता की आय पर भी आश्रित थे।
गांव जीतगढ़ी में जहरीली शराब कांड के बाद गांव में अजीब सा माहौल हो गया है। कई परिवारों की खुशियां हमेशा-हमेशा के लिए छिन गई है। सरजीत के सात बच्चे हैं। बड़े बेटे शिव कुमार के अलावा तीन बेटी व तीन और बेटे हैं। पिता की मौत के बाद अब शिव कुमार ही परिवार का जिम्मेदार बचा है। इसी तरह सुखपाल के चार बच्चे हैं, लेकिन सभी विवाहित हैं।
जहरीली शराब पीने के बाद सतीश भी परिवार को छोड़ कर जा चुका है। सतीश के छह बच्चे हैं, इनमे चार बेटे दो बेटी हैं। कलुआ राजमिस्त्री था। पांच बच्चों का बड़ी मुश्किल से भरन-पोषण कर गुजर करता था लेकिन कलुआ की मौत के बाद रोते परिवार की दशा देख हर कोई व्यथित है। पन्ना लाल भी छह बच्चचों के पिता थे। इन परिवारों के रूदन को देख हर आंख नम हो चुकी है।