नई दिल्ली। देश के पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम आ गए हैं। चुनावी नतीजे आने के बाद से कहीं ढोल-नगाड़े बज रहे हैं, होली से पहले रंग-अबीर उड़ाया जा रहा है तो किसी का दिल रंजोगम से भर गया है। कुछ महिलाओं ने भारी बहुमत से जीत हासिल की है तो कुछ ने अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर दी। रिपोर्ट में पढ़िए विधानसभा चुनाव 2022 की वे 22 महिलाएं, जो चुनाव में उतरीं और जमकर लड़ीं…
आगे बढ़ने से पहले इस पोल पर अपनी राय जाहिर करते जाइए…
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव
1. रायबरेली सदर: कांग्रेस के गढ़ में भाजपा की ‘अदिति’
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली की रायबरेली सदर विधानसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है, लेकिन यहां से भाजपा की अदिति सिंह ने करीब 11 हजार वोटों से जीत हासिल की है। अदिति का मुकाबला अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा उम्मीदवार आरपी सिंह और कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. मनीष चौहान से था।
अदिति कांग्रेस के दिवंगत नेता अखिलेश सिंह की बेटी हैं। उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। अदिति सिंह राहुल गांधी के साथ फोटो वायरल होने के बाद चर्चा में आई थीं।
2. उन्नाव: रेप पीड़िता की मां को राजनीति में नहीं मिली सहानुभूति
कांग्रेस ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की मां आशा सिंह को उन्नाव सदर सीट से मैदान में उतारा था। यहां आशा सिंह का मुकाबला भाजपा प्रत्याशी पंकज गुप्ता, सपा उम्मीदवार अभिनव कुमार और बसपा के देवेंद्र सिंह से रहा। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी पंकज गुप्ता ने जीत दर्ज की है।
आशा सिंह को सिर्फ 957 वोट मिले, जबकि नोटा में 1176 वोट पड़े हैं। राजनीति में पहली बार कदम रखने वाली आशा सिंह ने इस मुकाबले को महिला सम्मान की लड़ाई से जोड़ दिया था। प्रियंका गांधी ने आशा सिंह को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी।
3.पश्चिमी प्रयागराज: योगी के मंत्री से हारीं ऋचा सिंह
प्रयागराज की सबसे हॉट सीट यानी पश्चिमी इलाहाबाद विधानसभा सीट पर सपा प्रत्याशी ऋचा सिंह 35 हजार से अधिक वोटों से हार गईं। ऋचा सिंह का मुकाबला भाजपा प्रत्याशी और योगी सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, बसपा के गुलाम कादिर और कांग्रेस के तसलीम उद्दीन से था। इस सीट पर सिद्धार्थ नाथ ने जीत दर्ज की है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छात्रसंघ अध्यक्ष रहीं ऋचा सिंह मौजूदा मुख्यमंत्री और उस वक्त के सांसद योगी आदित्यनाथ को विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में शामिल होने से रोकने पर चर्चा में आई थीं। 2020 में विश्वविद्यालय में अफवाह फैलाने के आरोप में रिचा और चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।
4. कैराना: नाहिद हसन से फिर हारीं मृगांका सिंह
पश्चिमी यूपी की हॉट सीट कैराना पर कांटे का मुकाबला था। कैराना से भाजपा उम्मीदवार मृगांका सिंह अपने निकटतम प्रतिद्वंदी और सपा प्रत्याशी नाहिद हसन से 18 हजार वोटों से हार गईं। पिछले विधानसभा चुनाव में भी दिवंगत भाजपा सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह दूसरे नंबर पर रही थीं।
कैराना से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा उठाकर हुकुम सिंह ने इस सीट को खास बना दिया था। भाजपा ने मृगांका को इस सीट से टिकट देकर इस मुद्दे को और हवा देने का काम किया। खास बात यह है कि हुकुम सिंह इस सीट से सात बार विधायक बने थे।
5. गोरखपुर: योगी से बुरी तरह हारीं सपा की सुभावती शुक्ला
यूपी की सबसे हाई प्रोफाइल सीट गोरखपुर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कब्जा रहा है। इस बार भी योगी आदित्यनाथ एक लाख से ज्यादा वोटों से यहां से जीते हैं। इस बार उनके खिलाफ सपा ने पूर्व भाजपा के दिवंगत नेता उपेंद्र शुक्ला की पत्नी सुभावती शुक्ला को मैदान में उतारा था, लेकिन सुभावती शुक्ला हार गईं।
हाल ही में सुभावती अपने बेटे के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हुई हैं। योगी के करीबी और ब्राह्मणों का चेहरा माने जाने वाले उपेंद्र शुक्ला का मई 2020 में ब्रेन हेमरेज के चलते निधन हो गया था।
6. नोएडा: ‘पंखुड़ी’ नहीं, जनता ने ‘पंकज’ को चुना
नोएडा विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने पंखुड़ी पाठक को उम्मीदवार बनाया था। पंखुड़ी का मुकाबला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह, सपा प्रत्याशी सुनील चौधरी, बसपा के कृपाराम शर्मा और आम आदमी पार्टी के पंकज अवाना से था। इस सीट पर पंकज सिंह 1.77 लाख से अधिक वोट यानी भारी बहुमत से विजयी रहे। वहीं, पंखुड़ी पाठक चौथे नंबर पर रहीं।
समाजवादी पार्टी से छात्र नेता रहीं पंखुड़ी ने 2019 में सपा नेता और पूर्व प्रवक्ता अनिल यादव से शादी की। शादी के दो साल बाद सपा छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी।
7. लखनऊ सेंट्रल: लड़की लड़ी, लेकिन मुकाबले में रही बहुत पीछे
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सेंट्रल सीट से कांग्रेस ने सीएए/एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए जेल जा चुकीं सदफ जफर को टिकट दिया था। सदफ का मुकाबला भाजपा के रजनीश कुमार गुप्ता, सपा के रविदास मेहरोत्रा और बसपा के आशीष चंद्रा से था। इस सीट पर सपा प्रत्याशी रविदास मेहरोत्रा जीते, जबकि सदफ चौथे नंबर पर रहीं।
8. सिराथू: डिप्टी सीएम केशव प्रसाद को पल्लवी पटेल ने हराया
सिराथू विधानसभा सीट पर मुकाबला बेहद कांटे का रहा। इस सीट पर भाजपा के दिग्गज नेता और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ समाजवादी पार्टी गठबंधन से पल्लवी पटेल मैदान में थीं। शुरुआती रुझान में केशव प्रसाद मौर्य आगे चल रहे थे, लेकिन दो बजे के बाद पल्लवी ने केशव प्रसाद मौर्य को पीछे कर दिया।
पल्लवी ने 6,841 वोटों से केशव प्रसाद मौर्य से जीती हैं। बता दें कि पल्लवी पटेल केंद्र में मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन हैं और अपना दल (कमेरावादी) में अपनी मां कृष्णा पटेल संग इस बार अखिलेश के साथ हैं।
9. फर्रुखाबाद: जनता ने फिर लुईस खुर्शीद को नकारा, भाजपा को चुना
फर्रुखाबाद विधानसभा सीट से कांग्रेस ने पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद को मैदान में उतारा था। लुईस का मुकाबला भाजपा प्रत्याशी मेजर सुनील दत्त द्विवेदी, सपा की सुमन शाक्य और बसपा के विजय कुमार कटियार से था। इस सीट पर भाजपा के मेजर सुनील दत्त की जीत हुई है, जबकि लुईस खुर्शीद चौथे नंबर पर हैं। पिछले चुनाव में लुईस 5वें नंबर पर रहीं थीं।
10. आगरा ग्रामीण: बेबी रानी मौर्य भारी बहुमत से जीतीं
आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से भाजपा की दिग्गज नेता बेबी रानी मौर्य 63 हजार से ज्यादा वोटों से जीती हैं। उन्होंने बसपा प्रत्याशी किरण प्रभा केसरी को हराया है। बेबी रानी मौर्य को 1,19,952 और उनकी प्रतिद्वंदी किरण प्रभा को 56,380 वोट मिले। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की हेमलता दिवाकर यहां से विधायक बनी थीं।
11. हस्तिनापुर सीट: वोटर्स पर नहीं चला बिकिनी गर्ल का जादू
हस्तिनापुर विधानसभा सीट से बिकिनी गर्ल के नाम से पहचानी जाने वालीं कांग्रेस की प्रत्याशी अर्चना गौतम चुनाव हार गई हैं। अर्चना का मुकाबला भाजपा प्रत्याशी दिनेश खटीक, सपा के योगेश वर्मा और बसपा के संजीव कुमार से था। हस्तिनापुर में भाजपा के विधायक दिनेश खटीक जीते हैं।
अर्चना गौतम साल 2018 में मिस बिकिनी गर्ल इंडिया का अवॉर्ड जीत चुकी हैं, इसलिए उन्हें बिकनी गर्ल के नाम से पहचाना जाता है। बिकिनी पहनने की वजह से अर्चना गौतम का हिंदूवादी संगठनों ने जमकर विरोध भी किया।
12. अमेठी: कांग्रेस के गढ़ में महराजी की साइकिल दौड़ी
अमेठी विधानसभा सीट पर दुष्कर्म मामले में जेल में बंद कद्दावर नेता गायत्री प्रजापति की पत्नी और सपा प्रत्याशी महराजी प्रजापति 15 हजार से अधिक वोटों से जीती हैं। भाजपा ने इस बार अमेठी विधानसभा से डॉ. संजय सिंह, कांग्रेस ने आशीष शुक्ला, बसपा ने रागिनी और आम आदमी पार्टी ने अनुराग को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है। छोटे-बड़े दलों के प्रत्याशी और निर्दलीय प्रत्याशी मिलाकर इस सीट से कुल 13 प्रत्याशियों ने चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई। कांग्रेस अपने पुराने गढ़ अमेठी में अब तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है।
13. डुमरियागंज सीट: सैयदा खातून ने राघवेंद्र प्रताप सिंह को दी शिकस्त
डुमरियागंज विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी सैयदा खातून जीतीं। उन्होंने भाजपा के विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह को हराया। बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में सैयदा खातून सिर्फ 171 वोटों से भाजपा प्रत्याशी राघवेंद्र से हारी थीं। उस वक्त वे बसपा से चुनाव लड़ी थीं।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव
14. कोटद्वार: बेटी ने लिया पिता की हार बदला
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में हाई प्रोफाइल कोटद्वार सीट से भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री भुवन सिंह खंडूरी की बेटी ऋतु खंडूरी को मैदान में उतारा था। इस सीट पर ऋतु खंडूरी का मुकाबला कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह नेगी से था। ऋतु खंडूरी ने 3,479 वोटों से सुरेंद्र सिंह नेगी को हरा दिया है।
साल 2012 के विधानसभा चुनाव में सुरेंद्र सिंह नेगी ने तब के मुख्यमंत्री भुवन सिंह खंडूरी को हराया था। हालांकि, साल 2017 में भाजपा इस सीट से जीती थी, लेकिन दोनों पार्टियों के प्रत्याशी अलग-अलग थे। इस बार कांग्रेस ने सुरेंद्र सिंह नेगी को टिकट दिया तो भाजपा ने पूर्व सीएम खंडूरी की बेटी को मैदान में उतार दिया।
15. हरिद्वार ग्रामीण: पूर्व सीएम की बेटी ने मारी बाजी
हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी यतीश्वरानंद को हराकर पूर्व सीएम हरीश रावत की बेटी और कांग्रेस उम्मीदवार अनुपमा रावत ने जीत हासिल की है। हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा रावत का मुकाबला भाजपा के यतीश्वरानंद और आम आदमी पार्टी के नरेश शर्मा के साथ मुकाबला था।
पिछले चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के यतीश्वरानंद ने जीत दर्ज की थी। वहीं यतीश्वरानंद को इस बार पूर्व सीएम हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
16. लैंसडाउन: हरक सिंह की बहू 8,453 वोटों से हारी
लैंसडाउन विधानसभा सीट से कांग्रेस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की बहू और मिस इंडिया ग्रैंड इंटरनेशनल रहीं अनुकृति गोसाई को मैदान में उतारा था। अनुकृति गोसाई का मुकाबला भाजपा के दिलीप सिंह रावत के साथ था। इस मुकाबले में हरक सिंह रावत की बहू 8,453 वोटों से दिलीप सिंह रावत से हार गईं।
17. मसूरी विधानसभा: गोदावरी थापली हारीं
मसूरी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के गणेश जोशी ने 15 से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है। वहीं कांग्रेस उम्मीदवार गोदावरी थापली दूसरे नंबर पर रहीं।
पंजाब विधानसभा चुनाव
18. अमृतसर ईस्ट: AAP की जीवनजोत ने सिद्धू और मजीठिया को हराया
पंजाब विधानसभा चुनाव में अमृतसर ईस्ट से सीट आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार जीवनजोत कौर ने जीत दर्ज की है। बदलाव लाने की नीयत से राजनीति में आई जीवनजोत का मुकाबला कांग्रेस दिग्गज नेता नवजोत सिंह सिद्धू और पूर्व मंत्री तथा शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से था।
19. मोगा: सोनू की बहन को नहीं मिला जनता का प्यार
पंजाब में मोगा विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद की बहन मालविका सूद को चुनावी मैदान में उतारा था। मालविका सूद ने शिक्षा और स्वास्थ्य को मुद्दा बनाकर राजनीति में एंट्री ली। यहां उनका मुकाबला भाजपा की मौजूदा विधायक हरजोत कमल, AAP की डॉ. अमनदीप कौर अरोड़ा और शिरोमणि अकाली दल बरजिंदर सिंह बरार से था। इस सीट पर आप प्रत्याशी डॉ. अमनदीप कौर सबको पछाड़ कर आगे रहीं।
20. दीनानगर विधानसभा: अरुणा चौधरी ने लगाई हैट्रिक
पंजाब विधानसभा चुनाव में दीनानगर से कांग्रेस की ओर से अरुणा चौधरी चुनावी मैदान में उतरी थीं। उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी शमशेर सिंह, भाजपा की रेनू कश्यप, बसपा-अकाली गठबंधन की कमलजीत चावला और संयुक्त समाज मोर्चा की कुलवंत सिंह से था।
अरुणा चौधरी ने 1% वोटों से जीतकर हैट्रिक लगाई। बता दें कि अरुणा पंजाब की कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं। उनको पिछली सरकार में राजस्व मंत्रालय का प्रभार दिया गया था। चन्नी सरकार में अरुणा को दोबारा कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।
21. तलवंडी साबो विधानसभा: कांग्रेस के गढ़ में आप की बलजिंदर कौर जीतीं
पंजाब विधानसभा चुनाव में तलवंडी साबो सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) की उम्मीदवार प्रो. बलजिंदर कौर ने जीत हासिल की है। चुनावी मैदान में बलजिंदर कौर का मुकाबला शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी जीत महेंद्र सिंह सिधु, कांग्रेस की खुशबाज सिंह जटाना और भाजपा की रवि प्रीत सिंह सिद्धू से था। बता दें कि पंजाब की तलवंडी एक महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है। इस सीट को कांग्रेस के गढ़ के रूप में भी देखा जाता रहा है।
गोवा विधानसभा चुनाव
22. पोरियम विधानसभा सीट: जनता ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री की पत्नी को चुना
गोवा में पोरियम विधानसभा सीट पर भाजपा की दिव्या विश्वजीत राणे भारी बहुमत से जीती हैं। दिव्या विश्वजीत राणे का इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रंजीत जयसिंह राव राणे से मुकाबला था। बता दें कि दिव्या गोवा की पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे विश्वजीत राणे की पत्नी हैं।