मुंबई। बॉलीवुड में 10 साल बाद भाग्यश्री दो बड़ी फिल्मों से वापसी करने जा रही हैं। एक कंगना रनोट के साथ जयललिता पर बनने वाली बायोपिक फिल्म है तो दूसरी प्रभास के साथ हिंदी और तमिल में है। इस वापसी में वह हर प्लेटफॉर्म पर काम करना चाहती हैं। अपने कमबैक पर बात करते हुए भाग्यश्री ने अपनी तैयारी पर बात की है।
10 साल बाद वापसी में क्या बदलाव लगे?
मेरी हिंदी फिल्म ‘रेड अलर्ट’ 2010 में आई थी। तकरीबन 10 साल तो हो गए हैं। फिल्ममेकिंग का स्टाइल बदल गया है। इतने सारे नए लोग, नए डायरेक्टर और नई सोच आ गई है। मुझे एक अलग किस्म की दुनिया में कदम रखने का मौका मिल रहा है। एक न्यू कमर की तरह एक्साइटमेंट फील कर रही हूं। कुछ नर्वसनेस भी थी, पर दोनों यूनिट के आर्टिस्ट्स और डायरेक्टर्स से इतना प्यार और इज्जजत मिली जिससे नर्वसनेस दूर हो गई। अब सिर्फ एक्साइटमेंट ही रह गई है।
कैसी हैं दोनों फिल्में?
‘थलाइवी’ तो जयललिता की बायोपिक है तो जाहिर है उनकी आत्मकथा के हिसाब से है। कंगना जयललिता का किरदार निभा रही हैं। जहां तक मेरे किरदार की बात है वह काफी अहम है, पर अभी इसके बारे में ज्यादा कुछ बता नहीं सकती। हां, मेरा किरदार उनकी जिंदगी में एक बदलाव लाता है। मेरे सारे सीन कंगना के साथ हैं।
फिल्ममेकिंग में आप क्या बदलाव देख रही हैं?
आजकल वुमन ओरिएंटेड कैरेक्टर को एक अलग डेफिनेशन मिल जाती है। जैसे आजकल देखा जाए तो एक पुलिस ऑफिसर बोलते ही सिर्फ मर्दाना पुलिस ऑफिसर होना जरूरी नहीं है, उसमें वूमेन पुलिस ऑफिसर्स भी हो सकते हैं। पुराने जमाने में एक लॉयर या पुलिस इंस्पेक्टर बोलो तो एक सर्टंन एज का आदमी ही होना चाहिए। मगर अब महिला आर्टिस्ट के लिए काफी अवसर बढ़ गया है। इसके साथ ही मीडियम भी बढ़ गया है। इतने सारे मीडियम होने की वजह से परफॉर्म करने के चांसेस बहुत बढ़ गए हैं।
कैसा है कंगना का स्वभाव?
देखिए, कंगना के साथ मेरा जो इक्वेशन थी उसमें डायरेक्टर का बहुत बड़ा कंट्रीब्यूशन था। बतौर आर्टिस्ट हमें एक साथ बिताने के लिए काफी वक्त मिला और जब सामने वाला आर्टिस्ट अच्छा होता है तो खुद की परफॉर्मेंस भी अच्छी हो जाती है। इसके कारण जो ट्यूनिंग थी, वह सभी को बहुत ज्यादा पसंद आई। कंगना के साथ सीन डिस्कस करके उसमें कुछ ऐड कर लेते थे तो हमारी ट्यूनिंग देखकर डायरेक्टर खुश हो जाते थे। क्योंकि जो उनको चाहिए होता था इमोशंस उन्हें उससे कहीं ज्यादा मिल जाता था। ऐसे काम करने में मजा भी आता है।
थलाइवी फिल्म की क्या स्थिति है?
यह फिल्म 50% पूरी हो गई है। जहां तक मेरी शूटिंग की बात है तो मेरा सिर्फ एक शेड्यूल बाकी था। फिर मेरा काम कंप्लीट हो जाता। दूसरे लोगों का काम कितना बचा है, इसका मुझे आइडिया नहीं है।हमने मैसूर, चेन्नई और हैदराबाद में इसकी शूटिंग की है। यह बचा हुआ शेड्यूल भी शायद हैदराबाद में ही शूट होने वाला था। उस वक्त तो हैदराबाद में ही प्लान कर रहे थे, पर अब पता नहीं लाकडाउन के बाद कहां शुरू हो।
बॉलीवुड में किस तरह से काम करने की रणनीति बनाई हैं?
मैं बिल्कुल कॉन्सन्ट्रेट करना चाहती हूं। मुझे दोनों फिल्में बहुत बड़ी मिली हैं। अगर लोगों ने दोनों फिल्मों में मेरा किरदार पसंद किया तो डेफिनेटली चाहूंगी कि और काम करूं। दोनों फिल्मों में मेरा बिल्कुल अलग किरदार है। मेरा लुक भी बहुत डिफरेंट है। आगे दर्शकों को देखने को मिलेगा कि भाग्यश्री और क्या-क्या कर सकती हैं।
प्रभास के साथ जो फिल्म कर रही हैं उसका क्या नाम है?
उसके नाम की काफी चर्चा हो रही थी लेकिन अभी तक नाम डिसाइड नहीं किया गया है। हां यह फिल्म तेलुगू और हिंदी में बनेगी। इसमें भी मेरा बहुत अहम किरदार है। यह भी प्रभास के मेन कैरेक्टर के जीवन में बहुत टर्निंग प्वाइंट लाता है। हां इतना जरूर बताना चाहूंगी कि दोनों फिल्मों के करैक्टर और लुक में दिन रात का फर्क है। दोनों बिल्कुल ही अलग है। एक बार लॉकडाउन खत्म हो जाएगा तो दोनों प्रोड्यूसर आगे-पीछे लुक टेस्ट करेंगे। इसलिए लुक के बारे में ज्यादा कुछ बोल नहीं सकती हूं।
प्रभास की फिल्म शूटिंग का क्या स्टेटस है?
इस फिल्म की शूटिंग 50% कंप्लीट हो गई है। इसकी 5-6 दिनों की शूटिंग जॉर्जिया मैं करके लौटी ही थी कि लॉकडाउन शुरू हो गया।
फिर एक नया मुकाम हासिल करना कितना चैलेंजिग है?
मैं सोचती हूं कि 30 साल तक अगर लोगों के दिलों में रह चुकी हूं तो यह मेरी खुशनसीबी है। इन फिल्मों के द्वारा अगर यही खुशनसीबी आगे निकल जाए तो सोने पर सुहागा हो जाएगा। लोगों से मिले प्यार और सम्मान को बरकरार रखते हुए मुझे जो करैक्टर मिल रहे हैं उसमें अपना टैलेंट दिखा पाऊं तो इससे ज्यादा मुझे और क्या चाहिए। मैं किसी मुकाबले के लिए तो खड़ी नहीं हूं। बस अपना किरदार बखूबी निभा दूं वही बहुत बड़ी बात है।
वेब सीरीज में काम करने को लेकर क्या कहेंगी?
हर प्लेटफार्म पर काम करने की इच्छा है। वेब सीरीज तो कल की दुनिया है। कल की दुनिया में कदम रखने के लिए तो हमेशा आंख, कान, दिल सब खुला रखना चाहिए।