ब्राह्मणों के बाद बसपा की अब पिछड़ों पर नजर, संविधान संशोधन बिल का समर्थन

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ब्राह्मणों के बाद अब OBCवर्ग को टारगेट करने पर लग गई है। सोमवार को संसद में पेश किए गए संविधान संशोधन कानून का उन्होंने स्वागत किया। मायावती ने ट्वीट कर संदेश दिया कि उनकी पार्टी संविधान संशोधन बिल का स्वागत करती है। माया ने कहा कि OBC वर्ग बहुजन समाज का अभिन्न हिस्सा रहा है।

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि ओबीसी वर्ग बहुजन समाज का अभिन्न अंग है, जिसके हित एवं कल्याण के लिए बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने संविधान में धारा 340 की व्यवस्था की एवं उसपर सही से अमल नहीं होने पर देश के प्रथम कानून मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था। बसपा भी इन वर्गों के लिए जी-जान से समर्पित है।

खाली पद में OBC को जगह मिले

मायावती ने इसके साथ ही सिस्टम पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि यह नियम खानापूर्ति तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि सरकारी नौकरियों में खाली पड़े पदों में ओबीसी वर्ग को जगह देने का काम भी होना चाहिए। अभी उप्र समेत कई राज्यों में बड़ी संख्या में पद खाली है। जहां आरक्षण सिस्टम के तहत भी ओबीसी वर्ग को पर्याप्त जगह नहीं मिल पाता है।

127 वां संशोधन बिल पेश किया

ओबीसी वर्ग के लिए 127 वां संविधान संशोधन बिल पेश किया गया है। दावा है कि यह विधयक में राज्य सरकार और संघ राज्य क्षेत्र को सामाजिक तथा शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों की स्वयं की राज्य सूची/संघ राज्य क्षेत्र सूची तैयार करने के लिए सशक्त बनाता है। लोकसभा में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने यह बिल पेश किया है ।

उप्र में OBC वोट की हिस्सेदारी 50 फीसदी से ज्यादा

मौजूदा समय बसपा और भाजपा गैर यादव ओबीसी वोट को जोड़ने की पहल तेज कर रहे है। गैर यादव वोटर पिछले दो चुनाव से भाजपा के जीत का मंत्र रहे है। उत्तर प्रदेश में करीब 50 फीसदी वोटर ओबीसी समुदाए से ही आता है, साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली प्रचंड जीत की वजह ओबीसी समुदाय ही था। यादव को हटा दिया जाए तो भी ओबीसी वोटर 40 से 42 फीसदी तक है। इसको बीजेपी के साथ मायावती भी इस बार यादव को साधने की तैयारी कर रही है।

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