नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भगोड़े मेहुल चोकसी के खिलाफ चार्जशीट दायर की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि किस तरह उसने भारत, दुबई और अमेरिका में ग्राहकों और कर्जदाताओं को ठगने के लिए एक संगठित रैकेट चलाया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, प्रयोगशाला में विकसित हीरे और संपत्त बेचने के इस रैकेट में शीर्ष वित्तीय संस्थान भी शामिल था।
चार्जशीट का उद्देश्य चोकसी से एंटीगुआ और बारबुडा से भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को और मजबूत करना है। एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि चार्जशीट कुछ सप्ताह पहले दायर की गई थी। हालांकि, उन्होंने इसकी तारीख की जानकारी नहीं दी।
चोकसी, अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में एक प्रमुख अभियुक्त है। वह एंटीगुआ और बारबुडा का नागरिक बन गया है। नागरिकता प्राप्त करने के लिए उसने एक निश्चित मात्रा में वहां निवेश किया। हालांकि जांचकर्ताओं का कहना है कि चोकसी गिरफ्तारी से बचने के लिए देश छोड़कर भाग गया।
वहीं, चोकसी का दावा है कि उसने बाईपास सर्जरी के लिए जनवरी 2018 में भारत छोड़ दिया, न कि जांच से बचने के लिए। ईडी ने इससे पहले 2018 में पीएनबी धोखाधड़ी मामले में चोकसी और अन्य की भूमिका को रेखांकित करने के लिए एक आरोप पत्र दायर किया था।
हाल ही में पंजाब नेशनल बैंक में हजारों करोड़ रुपए का घोटाला करके देश से भागे अरबपति जूलर्स नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की थी। नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के 1350 करोड़ रुपये के तराशे हुए हीरे, मोती, गहने हांगकांग की फर्मों से वापस लाए गए। इन्हें हांगकांग के एक गोदाम में छिपाकर रखा गया था।
ईडी ने 10 जून को बताया था कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के 108 सामान हांगकांग से लाए गए हैं, जिनमें हीरे, मोती, चांदी के गहने शामिल हैं। इनकी कीमत 1,350 करोड़ रुपए बताई गई है।