भदोही। जिले में ग्रामीणों की अजीब हरक़त से पुलिस-प्रशासन हलकान है। रामपुर गंगा घाट पर शव की एंबुलेंस और पुलिस की जीप देखते ही ग्रामीण पथराव करने लगते हैं। पिछले 15 दिनों में इस तरह की यहां दूसरी घटना देखने को मिली है। घटना में एक उपनिरीक्षक भी घायल हुआ है। 85 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर नौ को हिरासत में लिया गया है। इलाके में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। ग्रामीण गंगा घाट पर कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार का विरोध कर रहे हैं।
जिले के एक गांव में सूरत से आए एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। जिला प्रशासन उसे कोरोना संदिग्ध मानकर परिजनों से कहा कि जांच के लिए सैंपल लिए जाएंगे फ़िर अंतिम संस्कार किया जाएगा। बुधवार को मौत के कई घंटे बाद जिला प्रशासन की एम्बुलेंस उसे ले गई और जांच नमूना लेने के बाद एम्बुलेंस में शव रख कर पुलिस सुरक्षा में लोग गोपीगंज थाना क्षेत्र के रामपुर गंगा घाट पर पहुंचे। एम्बुलेंस को देखते ही ग्रामीणों ने चारों तरफ से एंबुलेंस और पुलिस जीप पर पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद एंबुलेंस चालक किसी तरह से एंबुलेंस को निकाल कर गोपीगंज एमबीएस अस्पताल पहुंचा। फ़िर गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। अब उन लोगों को चिन्हित करने में पुलिस जुटी है।
पिछले 15 दिन में यह दूसरी हरकत है। आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले भी ऐसे ही एक शव को लेकर एंबुलेंस गंगा घाट पर पहुंची थी जिस ग्रामीणों के द्वारा पथराव किया गया था। उस वक्त किसी तरह ग्रामीणों को मनाकर पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार करा दिया था । वहीं अब इस मामले में एम्बुलेंस एशोसिएसन के जिलाध्यक्ष रंजीत यादव का कहना है की इसके पहले भी एक बार पथराव कराया जा चुका है ऐसे में पुलिस को प्रयाप्त सुरक्षा व्यवस्था देनी होगी तभी एम्बुलेंस कर्मी अब इस तरह का काम कर पाएंगे।
गोपीगंज कोतवाली पुलिस ने इस मामले 35 लोगों के खिलाफ नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
भदोही कोतवाल कृष्णानंद राय ने बताया है कि 09 लोग हिरासत में लिए गए हैं। पथराव की वजह से एक उपनिरीक्षक घायल हुआ है जबकि एम्बुलेंस क्षतिग्रस्त हुई है। ग्रामीण एम्बुलेंस को देखते ही समझ जाते हैं कि घाट पर करोना संक्रमित का अंतिम संस्कार करने के लिए लाया गया है। वह चाहते हैं कि घाट पर इस तरह के शवों का अंतिम संस्कार न किया जाय। लेकिन इस तरह की घटना इंसानियत को शर्मसार करने वाली है।