नई दिल्ली। लॉकडाउन खुलने के साथ ही देश में कोरोनावायरस का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। देश में अब कोरोना के 4 लाख से ज्यादा मामले हो गए हैं। मौतों की संख्या भी 13 हजार के ऊपर पहुंच गई है। पिछले 10 दिन से देश में रोजाना 10 हजार से ज्यादा नए मामले आ रहे हैं। 10 से ही रोजाना 300 से ज्यादा मौतें भी हो रही हैं।
देश में 19 जून को एक दिन में रिकॉर्ड 14 हजार 721 मामले सामने आए थे। अब एक में जितने नए मामले आ रहे हैं, उतने नए मामले तो किसी एक दिन में कभी इटली, स्पेन, चीन और रूस में भी नहीं आए। चीन में किसी एक दिन में सबसे ज्यादा 14 हजार 108 कोरोना केस आए थे। ऐसा वहां 12 फरवरी को हुआ था।
एक दिन में रिकॉर्ड कोरोना संक्रमितों की संख्या के मामले में भले ही हम स्पेन, इटली और चीन से आगे निकल चुके हों। लेकिन, हमारे लिए राहत की बात ये है कि एक दिन में रिकॉर्ड मौतों के मामले में हम अब भी काफी पीछे हैं।
हमारे देश में एक दिन में रिकॉर्ड 395 मौतें 15 जून को हुई थीं। जबकि, चीन में एक दिन में सबसे ज्यादा 1,290 मौतें 17 अप्रैल को, इटली में 919 मौतें 27 मार्च को और स्पेन में 961 मौतें 2 अप्रैल को हुई थी। 16 जून को देश में 2 हजार 6 मौतों का आंकड़ा जोड़ा गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें पिछले दिनों में हुई मौतें भी जोड़ी गई थीं।
कोरोना को फैलने से रोकने के लिए देश में चार लॉकडाउन लगाए गए। पहला लॉकडाउन 25 मार्च से 14 अप्रैल तक रहा और आखिरी लॉकडाउन 18 मई से 31 मई तक। इस हिसाब से देश में 67 दिन तक लॉकडाउन लगा रहा। हालांकि, लॉकडाउन के हर फेज में कुछ न कुछ छूट मिलती गई।
जबकि, 1 जून से देश में अनलॉक-1 लगा दिया गया। इसमें सिर्फ थोड़ी ही बंदिशें लगी रहीं। इसका नतीजा ये हुआ कि 1 जून से लेकर 19 जून के बीच ही देश में 2.05 लाख से ज्यादा मामले आ गए। इसी दौरान साढ़े 7 हजार से ज्यादा मौतें भी हुई है। देखा जाए तो 31 मई तक देश में जितने मामले और जितनी मौतें नहीं हुई थीं, उससे ज्यादा मामले और मौतें तो 19 दिन में ही बढ़ गईं।