लखनऊ। यूपी में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र हर सियासी दल और नेता अपने-अपने ढंग से मुद्दों को गर्माने में लगा है। ऐसे चुनावी माहौल में व्यक्तिगत आयोजन और मेल-मुलाकातें भी आरोप-प्रत्यारोप का कारण बन जा रही हैं। ताजा मामला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत और सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की तस्वीर से जुड़ा है।
इस तस्वीर में दोनों एक ही सोफे पर एक साथ बैठे नज़र आ रहे हैं। कांग्रेस ने इस तस्वीर को लेकर समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है। वहीं सपा ने भी इस मामले में त्वरित जवाब देते हुए कांग्रेस को शिष्टाचार की नसीहत दे डाली है।
भागवत के साथ मुलायम सिंह की तस्वीर में संघ प्रमुख केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल को बधाई देते हुए नजर आ रहे हैं। तस्वीर, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने ही ट्वीट की थी लेकिन थोड़ी ही देर बाद इस पर यूपी के सियासी गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। तस्वीर, सोशल मीडिया में वायरल होने लगी और लोग अर्जुन मेघवाल से ज्यादा चर्चा भागवत और मुलायम सिंह यादव की करने लगे।
कांग्रेस ने इस तस्वीर को हाथोंहाथ लिया। पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भागवत-मुलायम की तस्वीर ट्वीट करते हुए तंज में ये लिखा गया- “नई सपा” में ‘स’ का मतलब ‘संघवाद’ है? दरअसल राजनैतिक रूप से समाजवादी पार्टी संघ की कट्टर दुश्मन है। मुलायम और मौजूदा अध्यक्ष अखिलेश यादव कई बार संघ पर निशाना साध चुके हैं।
कांग्रेस का ये तंज सपा को चुभ गया है। सपा ने इसका जवाब देने में देर नहीं लगाई। सपा के जवाबी ट्वीट में शरद पवार की तस्वीर ट्वीट करते हुए कांग्रेस पर राजनीतिक शिष्टाचार भूलने का आरोप लगाया गया। ट्वीट में लिखा गया- ‘राजनीतिक शिष्टाचार भूल चुकी है कांग्रेस! जिस कार्यक्रम की तस्वीर लगा रही कांग्रेस उसी कार्यक्रम में कांग्रेस की सहयोगी एनसीपी के नेताओं ने भी लिया नेताजी का आशीर्वाद। इस पर क्या कहेगी कांग्रेस?
विवाह समारोह में खींची गई थी तस्वीर
भागवत और मुलायम सिंह की जिस तस्वीर को लेकर सियासी हलकों में चर्चा गर्म है वो उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू के घर की है। यहां दोनों लोग विवाह समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे। इसी दौरान यह तस्वीर खींची गई। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं ने एक ही सोफे पर बैठकर नाश्ता किया। इस दौरान दोनों के बीच करीब 20 मिनट तक बातचीत है। थोड़ी देर बाद यह तस्वीर वायरल हो गई और सियासत में चर्चा का केंद्र बन गई।