भाजपा-अपना दल गठबंधन में आ रही दरार? अनुप्रिया पटेल ने दिया ये जवाब

लखनऊ। केन्द्रीय मंत्री एवं अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ चुनावी गठबंधन में दरार की आशंकाओं को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश में यह पहला गठबंधन है, जिसमें लगातार चौथा चुनाव मिलकर लड़ा जा रहा है और हर चुनाव में जनता ने इस गठबंधन को विजयी बनाकर स्वीकार किया है।

अनुप्रिया ने यूनीवार्ता से विशेष बातचीत में कहा कि जिन दलों के नेता अपना दल (एस) और भाजपा गठबंधन में दरार पैदा होने की बातें करते हैं, वे खुद हर चुनाव में जिसके साथ गठबंधन करते हैं, चुनाव के बाद उसे हार का दोषी ठहराकर अलग हो जाते हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) के पिछले तीन चुनावों में कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ हुए असफल गठबंधन की ओर इशारा करते हुए कहा ह्ल हमारा गठबंधन अवसरवादी नहीं है और इसका प्रमाण गठबंधन को लगातार तीन चुनावों में मिली कामयाबी है।

चुनाव के शुरुआती चरण में सत्तारूढ़ गठबंधन को हो रहे नुकसान की आशंकाओं के बारे में उन्होंने कहा कि इस चुनाव की तुलना पिछले चुनाव से नहीं की जानी चाहिए। पिछले चुनाव में एक स्पष्ट लहर थी जिसके कारण 58 में से 53 सीट मिलीं थी। मेरा अपना अनुमान है कि हमारे सहयोगी दल भाजपा को पहले चरण के मतदान वाली 58 में कम से कम 40 सीट जरूर मिलेगी। इसे सामान्य मतदान की स्थितियों के लिहाज से अगर देखें तो नुकसान नहीं बल्कि बढ़त माना जाना चाहिए।

मोदी लहर वाले पिछले चुनाव की तुलना में इस चुनाव में अंतर के सवाल पर उन्होंने कहा कि 2017 में सपा सरकार के कार्यकाल में उपजी राज्यव्यापी अराजकता के कारण शांति व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी थी। ऐसे में बदलाव को लेकर लोगों में छटपटाहट थी। लोगों ने केन्द्र में मोदी सरकार के उपलब्धियों भरे तीन साल के सुशासन को महसूस कर उत्तर प्रदेश में भाजपा को विकल्प के रूप में देखा। इसका नतीजा अप्रत्याशित तीव्रता वाली मोदी लहर थी।

यह चुनाव भाजपा और अपना दल सहित अन्य दलों के गठबंधन को जनता की अपेक्षाओं के मानकों पर खरा उतरने का अवसर है। यह पूछे जाने पर कि क्या इस चुनाव में पिछली लहर की तीव्रता में कमी आ गई है, केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि 2017 में जिस प्रकार से शांति व्यवस्था की बहाली सबसे बड़ी जरूरत थी, उसे पांच साल में पूरा किया गया। दंगों के लिए कुख्यात हो चुके इलाकों में लोग अब अमन चैन से जी रहे हैं।

दूसरी उपलब्धि, विकास की प्रक्रिया में सर्वसमाज की भागीदारी सुनिश्चित करना रहा। इसकी वजह, केन्द्र और राज्य सरकार के समन्वय से उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक विकास कार्य हुए। हर जिले में मेडिकल कॉलेज खुलना, शहरों को एक्सप्रेसवे बनना और हवाई सेवा से जोड़ना, सामान्य उपलब्धि नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर मुझे लगता है कि हमारे गठबंधन को एक बार फिर जनता मौका देगी।

चुनाव में हिंदू मुस्लिम को मुद्दा बनाने के कारण अल्पसंख्यकों में भाजपा के खिलाफ नाराजगी की बात को इंकार करते हुए अनुप्रिया ने कहा कि यह विपक्ष का गढ़ा हुआ एक मिथक है। इसका सच चुनाव परिणाम से साबित हो जाएगा।

बेकाबू हो चुकी मंहगाई और बेरोजगारी का मुद्दा विकास कार्यों पर भारी पड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मंहगाई से कोई इंकार नहीं कर सकता हैं, लेकिन लोग वैश्विक महामारी कोरोना के कारण पूरी दुनिया में मंहगाई का संकट पैदा होने की हकीकत को भी समझते हैं। इस महामारी ने वैश्विक स्तर पर आपूर्ति श्रृंखला को तहस नहस कर दिया है। इस कारण तमाम विकसित देशों तक की अर्थव्यवस्था बेपटरी हो गई।

उन्होंने दलील दी कि भारत भी इसका भुक्त भोगी है लेकिन सरकार ने इस संकट से जनता को अछूता रखने की कारगर पहल की। इसकी वजह से हमारी अर्थव्यवस्था हिचकोले लेने से बच गई। इस दौरान जनता को जो थोड़ी बहुत परेशानी हुई उसके समाधान के लिए सरकार ने इस साल के बजट में कारगर प्रावधान किए हैं। बेशक कोरोना काल में लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ, नौकरियां भी गईं लेकिन ऐसी स्थिति फिर से उत्पन्न न हो, इसके लिए लघु एवं मध्यम क्षेत्र से लेकर विनिर्माण क्षेत्र में आधारभूत ढांचे का मजबूत तंत्र विकसित किया जा रहा है।

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