बलिया। जिले में भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य एवं पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार की कड़े शब्दों में आलोचना की है। राम इकबाल सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार को कृषि कानून अविलंब वापस लेना चाहिए। अगर किसानों को धनी बनाना है तो किसानों से सहमती कर नया बिल लाना चाहिए। किसानों के खून से सरकार को नहाने की आदत बंद करनी चाहिए। मोदी सरकार के कृषि कानून से किसान समाप्त हो जाएंगे।
सरकार ने खुद कराई अपनी किरकिरी
पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के उकसावे भाषण से लखीमपुर खीरी कांड हुआ। ऐसे मंत्री को पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। सरकार ने लखीमपुर कांड को लेकर खुद अपनी किरकिरी कराई है। विपक्षियों को राजनीति करने का मौका दिया है। अगर मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी उसी दिन हो जाती तो ऐसी नौबत न आती।
आए दिन मोदी और योगी सरकार पर करते हैं हमला
बता दें कि भाजपा के पूर्व विधायक व प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य राम इकबाल सिंह आए दिन केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। इससे पहले 4 सितंबर को राम इकबाल सिंह कहा था कि केंद्र सरकार ने संपत्ति को बेचने का नाम मुद्रीकरण दिया है। देश के किसान, मजदूर और व्यापारियों के टैक्स से जिन अचल संपत्तियों को पूर्वजों ने बनाया था, उन्हें उद्योगपतियों को बेचकर सरकार कह रही है कि देश महाशक्ति बन रहा है। यह काफी हास्यास्पद है।
योगी सरकार पर साधा था निशाना
अगस्त महीने में भी उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि राज्य सरकार को नौकरशाह चला रहे हैं। जनप्रतिनिधियों से लेकर पार्टी नेताओं को नौकरशाही तवज्जो नहीं देती। इससे पहले सिंह ने आठ अगस्त को तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के चल रहे आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा था कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार इन कानूनों को वापस ले सकती है।