कानपुर। पुलिस से मारपीट करके हिस्ट्रीशीटर को बचाने के मामले में भारतीय जनता युवा मार्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवबीर सिंह भदौरिया भी शामिल थे। लेकिन कानपुर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण उसका नाम एफआईआर में शामिल करने से बच रहे हैं। वीडियो की जांच में शिवबीर की मौजूदगी की पुष्टि हो चुकी है। माना जा रहा है कि भाजपा और संघ में शिवबीर के दखल के चलते पुलिस कमिश्ननर उसे नामजद अपराधियों में शामिल नहीं कर रहे हैं।
भाजपा और संघ के दबाव में नहीं हो रही कार्रवाई
भाजपा नेता नारायण सिंह भदौरिया की बर्थ-डे पार्टी में 2 जून को अपराधियों का जमावड़ा लगा हुआ था। इस दौरान नौबस्ता पुलिस ने हत्या के प्रयास के मुकदमे में वांछित चल रहे हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह को गिरफ्तार करने का प्रयास किया तो भाजपा नेताओं ने पुलिस से मारपीट करके हिस्ट्रीशीटर को भगा दिया था।
जांच में सामने आया कि इसमें भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवबीर सिंह भदौरिया भी बढ़चढ़ कर पुलिस से हाथापाई करके हिस्ट्रीशीटर को भगाने में शामिल थे। इसका वीडियो भी वायरल हो गया था। पुलिस की जांच में इसकी पुष्टि भी हो गई, लेकिन एफआईआर में नाम नहीं बढ़ सका।
कमिश्नर बोले- अभी तो जांच चल रही है
पुलिस कमिश्नर असीम अरुण से जब सवाल पूछा तो उन्होंने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया कि अभी जांच चल रही है। जांच के बाद नाम बढ़ाया जाएगा। जबकि वीडियो की जांच से यह पूरी तरह से साफ हो चुका है कि हिस्ट्रीशीटर को भगाने का शिवबीर भी आरोपी है, लेकिन पुलिस कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है।
धीरू समेत अभी भी फरार चल रहे हैं सात आरोपी
पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपी नारायण सिंह भदौरिया और मनोज सिंह समेत पांच को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। इसके बाद धीरू शर्मा, राज बल्लभ पांडेय समेत सात आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं। इनकी तलाश में पुलिस की टीमें अभी भी दबिश दे रही हैं।