भाजपा ने जातीय समीकरण के साथ साधे एक तीर से 2 निशाने

कानपुर। योगी मंत्रीमंडल के शपथ ग्रहण समारोह की खुशियां उस वक्त थोड़ी कम हो गई जब कानपुर से एक भी विधायक को मंत्रीमंडल में शामिल नहीं किया गया। दरअसल, भाजपा ने कानपुर और कानपुर देहात में जातीय समीकरण के साथ एक तीर से 2 निशान साधे हैं। तीनों ही मंत्री भले कानपुर देहात से विधायक हैं, लेकिन सभी के निवास कानपुर शहर में हैं और सभी कानपुर नगर में रहते भी हैं। बतौर मंत्री वे कानपुर शहर में भी लोगों की समस्याएं सुन सकेंगे।

फतेहपुर पर भी पड़ेगा प्रभाव
भाजपा ने इस बार लोकसभा चुनावों को भी रखकर कई फैसले लिए हैं। राकेश सचान को कैबिनेट में शामिल करने की बड़ी वजह से कुर्मी वोट बैंक को साधने के साथ ही उनका प्रभाव कानपुर देहात, शहर और फतेहपुर पर भी पड़ेगा। वे फतेहपुर से सांसद भी रह चुके हैं। वहीं प्रतिभा शुक्ला ब्राह्मणों के बीच बड़ा चेहरा बन चुकी हैं। इसके अलावा पाल वोट बैंक में अजीत पाल की मजबूत पकड़ मानी जाती है। उनके पिता स्व. मथुरा प्रसाद पाल भी विधायक रहे चुके हैं।

लोग की सुन सकेंगे समस्याएं
पार्टी सूत्रों के मुताबिक कानपुर शहर में ब्राहृण और देहात में पिछड़ा वर्ग का सबसे अधिक वोट बैंक है। विधायक राकेश सचान को कैबिनेट मंत्री, प्रतिभा शुक्ला और अजीत पाल को राज्य मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। अजीत पाल का निवास काकादेव के पास है। जबकि प्रतिभा शुक्ला का किदवई नगर और राकेश सचान का निवास भी कानपुर साउथ क्षेत्र में है। तीनों ही विधायक कानपुर में निवास भी करते हैं। ऐसे में वे शहर में रहकर भी जनसुनवाई कर सकेंगे।

सतीश महाना का कद बढ़ने की चर्चा
योगी सरकार 2.0 में कानपुर से सतीश महाना तक को भी जगह नहीं दी गई है। वहीं चर्चाएं हैं कि सतीश महाना को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। उन्हें 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी उतारा जा सकता है। हालांकि सतीश महाना का कद बढ़ना लगभग तय माना जा रहा है।

मंत्री अजीत पाल का प्रोफाइल
-कानपुर देहात की सिकंदरा सीट से अजीत पाल 2022 में लगातार दूसरी बार जीतकर विधायक बने हैैं।
-योगी सरकार के प्रथम कार्यकाल में इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री थे।
-पिता मथुरा पाल सिकंदरा से 2017 में चुनाव जीते थे, लेकिन उसी वर्ष निधन हो जाने के बाद उपचुनाव में अजीत पाल विधायक बने।
-अजीत पाल बीटेक एमटेक तक शिक्षित हैं। विदेश में भी वह इंजीनियर रहे। पिता के निधन के बाद राजनीति में आए।

मंत्री राकेश सचान का प्रोफाइल
-राकेश सचान ने राजनीतिक पारी की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी।
-कानपुर के घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र से सपा से 1993 और 2022 में विधायक चुने गए।
-2009 में फतेहपुर सीट से समाजवादी पार्टी से सांसद भी रहे।
-वर्ष 2022 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए और भोगनीपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए।

मंत्री प्रतिभा शुक्ला का प्रोफाइल
-प्रतिभा शुक्ला अकबरपुर रनियां क्षेत्र से दूसरी बार लगातार विधायक बनी हैं।
-2017 में भाजपा से पहली बार विधायक बनीं थीं। वह एमए, बीएड शिक्षित हैं।
-2017 चुनाव के पहले वह अपने पति पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी के साथ भाजपा में शामिल हो गईं।
-जिले में वह पार्टी के प्रमुख ब्राह्मण चेहरे के रूप में हैं।
-उनके पति अनिल शुक्ला वारसी 2009 में बसपा से बिल्हौर से सांसद रहे।

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