स्व. अटल जी ने राजनीति को दलगत राजनीति से ऊपर उठाया, सदैव अपने दल के सिद्धांतों व अपने दर्शन पर अडिग रहना सिखाया, जब भी राजनीति भटकी उसको सही मार्ग दिखाया, विदेशों से मित्रता का पाठ पढ़ाया। अटल जी का जाना भारतीय राजनीति एवं साहित्यिक जगत के मुखरित स्वर का मौन हो जाना है। मौन नमन!
न्यूज 7 एक्सप्रेस परिवार
आपको अश्रुपूरित श्रद्वांजलि अर्पित करता है। आप अटल थे अटल ही रहेंगे। आपकी यादें हमारे दिल और दिमाग में हमेशा जाग्रत रहेंगी।
नई दिल्ली। काल के कपाल पर लिखने और मिटाने वाला राजनीति का अजातशत्रु अब हमारे बीच नहीं रहा है। पूरे देश में उनको अश्रुपूरित श्रद्वांजलि दी जा रही है। सोशल मीडिया पर हर वाल अटल बिहारी बाजपेई की डीपी और श्रद्वांजलि की पोस्टस से ढकी नजर आ रही है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भाजपा के दिग्गज और जनप्रिय नेता के अंतिम दर्शन के लिए सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में लोग अटल बिहारी वाजपेयी के आवास पर पहुंच रहे थे। इसके चलते ही उनका पार्थिव शरीर कृष्णा मेनन मार्ग से 9 बजे की जगह 10 बजे भाजपा मुख्यालय के लिए ले जाया गया। नई दिल्ली के लुटियंस जोन में कृष्णा मेनन मार्ग पर स्थित बंगला नंबर 6-ए के आसपास सुरक्षा का भारी बंदोबस्त किया गया। पुलिस और यातायात पुलिस के साथ-साथ वहां अर्द्धसैनिक बलों के जवानों की भी तैनाती की गई है।
6 कृष्ण मेनन मार्ग पर अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नौ सेना, वायु सेना, थल सेना के जवान अटल जी के पार्थिव शरीर के साथ मौजूद हैं। दिल्ली पुलिस की जगह सेना ने अटल जी की अंतिम यात्रा की कमान संभाली है। अटल जी की अंतिम यात्रा सेना के वाहन में निकाली जाएगी। अटल बिहारी वाजपेयी का शव कृष्णा मेनन मार्ग से भाजपा कार्यालय ले जाया गया। अटल जी के घर से सेना के वाहन मे पार्थिव शव भाजपा कार्यालय के लिये निकला। आगे तीनों सेना के अंगों का बैंड, थल, नौ और वायुसेना के जवान अपने हथियार को झुकाए मार्च करते हुए।
सेना के जिस वाहन में अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर को उनको निवास से भाजपा कार्यालय में लेकर जाया गया। उसमें अटल बिहारी वाजपेयी के परिवार के लोगों के साथ पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी मैजूद रहें। सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, वाजपेयी के अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास के दरवाजे सुबह करीब साढ़े सात बजे खोले गये। बाद में वाजपेयी का पार्थिव शरीर भारतीय जनता पार्टी के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित नव-निर्मित मुख्यालय पर ले जाया गया।
‘राष्ट्रीय स्मृति’ स्थल के लिए उनकी अंतिम यात्रा दोपहर एक बजे शुरू होगी। लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को एम्स में वाजपेयी का निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे। सुबह कृष्णा मेनन मार्ग पहुंचने वालों में शामिल 52 वर्षीय योगेश कुमार उत्तराखंड के उत्तरकाशी से अपने नेता के अंतिम दर्शन को आये हैं। लोग पूरी रात यात्रा करके दिल्ली आये हैं ताकि अपने नेता को एक अंतिम बार देख सकें। कुमार का दावा है, ‘1984 में जब वाजपेयी जी गंगोत्री जाने के दौरान उत्तरकाशी में रुके थे, तब मैं उनसे मिला था। 1986 में वह फिर से उत्तरकाशी आये।’ कुमार अपने साथ याद के रूप में अपनी और वाजपेयी जी की तस्वीर लेकर आये हैं। उनका कहना है, मैं अपने साथ गंगोत्री से गंगाजल लेकर आया हूं। आशा करता हूं कि उन्हें अंतिम बार देख सकूंगा।
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की अंत्येष्टि में दुनियाभर के राजनेता और अधिकारी शामिल होंगे। भूटान के राजा जिग्मे नामग्याल वांग्चुक अंतिम संस्कार में भाग लेने दिल्ली पहुंच गए हैं। पाकिस्तान की तरफ से कानून मंत्री अली जाफर भी अंत्येष्टि में शामिल होंगे। नेपाल के विदेश मंत्री पीके ग्यावल, श्रीलंका के कार्यकारी विदेश मंत्री लक्ष्मण, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल हसन मोहम्मद अली पूर्व पीएम वाजपेयी के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेंगे। दिल्ली पहुंचे भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामगेयाल वांगचुक। थोड़ी देर में पूर्व पीएम अटल बिहारी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व पीएम व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फणनवीस और छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। डीएमके नेता ए राजा, असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल और मणिपुर के सीएम बिरेन सिंह ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। बीजेपी मुख्यालय पर पहुंचा अटल बिहारी का पार्थिव शरीर। अंतिम दर्शन कर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं लोग। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी पूर्व पीएम अटल बिहारी को श्रद्धांजलि अर्पित की। अटल बिहारी का पार्थिव शरीर इस समय बीजेपी मुख्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है।