भारतीयों को निकालने के लिए सरकार ने झोंकी ताकत, विदेश मंत्री ने पोलैंड से की बात

नई दिल्‍ली। यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए सरकार ने पूरा जोर लगा दिया है। सरकार ने भारतीयों को निकालने के लिए चार केंद्रीय मंत्रियों हरदीप पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और वीके सिंह को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजने का फैसला किया है। पोलैंड रवाना होने से पहले केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि हम बातचीत करके लोगों को निकालने की कोशिश करेंगे। वहीं केंद्र सरकार की ओर से यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए नई एडवाइजरी जारी की गई है…

पोलैंड जाने से पहले केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि किसी भी भारतीयों को निराश होने की जरूरत नहीं है। मैं पोलैंड जा रहा हूं। हम समन्वय के साथ अपने नागरिकों को निकालने की कोशिश करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने स्‍पष्‍ट संदेश दिया हैं कि किसी भी सूरत में भारतीयों को सुरक्षित निकालकर उन्हें उनके घर तक पहुंचाना है।

वहीं भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM S Jaishankar) ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने पोलैंड के विदेश मामलों के मंत्री के साथ बात की है। इस बातचीत में यूक्रेन के मौजूदा घटनाक्रम पर चर्चा हुई है। विदेश मंत्री ने कहा कि हम यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने के लिए पोलैंड की ओर से दी जा रही मदद की तारीफ करते हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare, MoHFW) ने सोमवार को अपनी अंतरराष्ट्रीय यात्रा गाइडलाइन को संशोधित किया है। इसमें यूक्रेन से आ रहे भारतीयों को कई तरह की छूट प्रदान की गई। यूक्रेन से आ रहे भारतीयों को अनिवार्य प्री-बोर्डिंग नेगेटिव आरटीपीसीआर टेस्ट और टीकाकरण प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेजों को पोर्टल पर अपलोड करने से छूट दी गई है।

सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि यदि कोई यात्री आगमन से पहले RT-PCR जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने में सक्षम नहीं है या उसने COVID-19 टीकाकरण पूरा नहीं किया है तो भारत आने के बाद उसको 14 दिनों के लिए अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करना होगा। इस बीच आपरेशन गंगा के तहत 240 भारतीय नागरिकों को लेकर छठी उड़ान हंगरी के बुडापेस्ट से दिल्ली के लिए रवाना हुई है।

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