नई दिल्ली. आज के समय में भारत धीरे धीरे करके अमेरिका की तरफ झुक रहा है और रूस से दूर हो रहा है. ऐसे में विश्व स्तर पर व्यापारिक और सामरिक समीकरण बदलते हुए नजर आने लगे है लेकिन लग रहा है कि रूस ऐसा चाहता नही है. पुतिन जानते है कि भारत आने वाले समय में बड़ी शक्ति होगा और इससे मित्रता बनाकर के रखना जरूरी है इस कारण से भारत और रूस दोनों ही देश साथ में एक बड़े प्रोजेक्ट पर काम करने जा रहे है जो अपने आप में काफी अधिक ऐतिहासिक माना जा रहा है.
वोस्तोक के आयल प्रोजेक्ट में भारत लगा सकता है भर भरके पैसा, भविष्य में रूस को विशाल फायदे की उम्मीद
रूस ने कुछ समय पहले अपने ही देश के वोस्तोक में काफी भारी मात्रा में क्रूड आयल की खोज की थी. अब तेल तो मिल गया लेकिन रूस के पास में आज की डेट में इतना ज्यादा पैसा नही है कि वो इस प्रोजेक्ट पर इतना ज्यादा पैसा बहा सके क्योंकि ये काफी महंगा है.
इस कारण से रूस चाह रहा है कि भारत अपने बिलियन डॉलर की इन्वेस्टमेंट रूस के इस आयल प्रोजेक्ट में कर दे जो लगभग 50 बिलियन डॉलर तक की भी हो सकती है और ये विशालकाय है.
इसके बदले में भारत को रूस के इस आयल प्रोजेक्ट में कुछ प्रतिशत की हिस्सेदारी मिल जायेगी और भारत की कम्पनियां जैसे ओएनजीसी आदि को भी यहाँ पर काम करने का एक्सेस मिलेगा जिससे भारत और रूस मिलकर के दुनिया भर के कई देशो में अरबो खरबों डॉलर का तेल बेचकर अच्छा खासा पैसा कमाएंगे.
आने वाले समय में डिफेन्स नही एनर्जी सेक्टर बनेगा दोस्ती की नींव
आज के समय में भारत अपने डिफेन्स के लिए एयरक्राफ्ट से लेकर कई महँगी चीजे फ्रांस और अमेरिका जैसे देशो से खरीद रहा है और रूस को साइडलाइन कर चुका है. ऐसे में आने वाले वक्त में भारत और रूस की दोस्ती डिफेन्स की खरीद पर नही बल्कि एनर्जी सेक्टर में हिस्सेदारी पर होगी. जब दो दोस्त मिलकर के साथ में मोटा पैसा कमाते है तो उससे फायदा भी दोनों को ही होता है और दोनों की दोस्ती भी बढती है.
भारत ने अपना पहला एनर्जी ऑफिस रूस में खोला
इस क्षेत्र में भारत ने काफी बड़ा कदम उठा भी लिया है. भारत ने इतिहास में पहली बार देश के बाहर अपना एक एनर्जी ऑफिस खोला है और कहा है कि भविष्य में हमारे और रूस के बीच में बड़ी घोषणाओं के ऐलान हो सकते है. ये वोस्तोक आयल प्रोजेक्ट पर होने वाले है.