नई दिल्ली। अफगानिस्तान में मौजूदा हालात को देखते हुए भारत सरकार ने काबुल में स्थित राजदूत और स्टाफ को वापस बुलाने का फैसला लिया है। वहीं भारतीय अधिकारियों और दूसरे लोगों को भी एयरलिफ्ट किया जा रहा है। वायुसेना का C-17 एयरक्राफ्ट काबुल से 130 से ज्यादा लोगों को लेकर मंगलवार सुबह रवाना हुआ है। भारतीय राजदूत भी इसी विमान से आ रहे हैं। ये विमान दोपहर 1 बजे जामनगर पहुंचेगा और वहां से ये गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर पहुंचेगा।
छात्रों को भी किया जाएगा एयरलिफ्ट
जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान में फंसे बाकी भारतीय सुरक्षित इलाके में हैं और एक-दो दिन में उन्हें भी एयरलिफ्ट कर लिया जाएगा। विदेश मंत्रालय ने भी सोमवार को कहा था कि अफगानिस्तान की घटना पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। हम अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा, ‘मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए यह फैसला किया गया है कि काबुल में हमारे राजदूत और सभी भारतीय कर्मचारी तुरंत भारत आएंगे।”
आपको बता दें कि राजदूत रुद्रेंद्र टंडन ने पिछले साल अगस्त में काबुल में अपना कार्यभार संभाला था। घटनाक्रम से परिचित लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि भारत को इस बात की आशंका है कि काबुल में उसके राजदूत और राजनयिक कर्मचारियों की सुरक्षा की गांरटी नहीं दी जा सकती है। लोगों ने कहा कि दूतावास के अधिकारियों और सुरक्षा कर्मियों और कुछ भारतीय नागरिकों को सोमवार देर रात काबुल हवाईअड्डे के सुरक्षित इलाकों में लाया गया।
दिनभर के प्रयासों के बाद एयरपोर्ट पहुंचे अधिकारी
मिल रही जानकारी के मुताबिक, सोमवार को जो लोग भारत वापस आए हैं, उन्हें काबुल के राजनयिक क्वार्टर की रखवाली करने वाले तालिबान लड़ाकों ने वापस कर दिया था। बाद में पूरे दिन भारतीय पक्ष द्वारा गहन प्रयासों के बाद वे हवाई अड्डे पर पहुंचे। इन प्रयासों में विदेश मंत्री एस जयशंकर भी शामिल थे। मंगलवार को लगभग 3 बजे उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ इस संबंध में अपनी चर्चा के बारे में ट्वीट किया।