नई दिल्ली। रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को प्लेटफॉर्म टिकट दरों में बढ़ोतरी को कोरोना महामारी के बीच स्टेशनों पर भीड़भाड़ को रोकने के लिए एक “अस्थायी उपाय” करार दिया है। राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के अन्य रेलवे स्टेशनों पर पांच मार्च से प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री शुरू हो गई है। लॉकडाउन के चलते लगभग एक साल के बाद रेलवे ने अपने ए1 और ए कैटेगरी के स्टेशनों पर ही यह सेवा शुरू की है।
हालांकि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रेलवे द्वारा ताजा अधिसूचना में कहा गया है कि प्लेटफॉर्म टिकट को 10 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये कर दी गई है।
रेल मंत्रालय ने मीडिया को प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत को लेकर अटकलों से बचने की सलाह देते हुए कहा कि स्टेशनों पर भीड़ का नियमन और नियंत्रण डीआरएम की जिम्मेदारी है। यह यात्रियों की सुरक्षा के लिए और स्टेशनों पर भीड़ को रोकने के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा किया गया एक अस्थायी उपाय और क्षेत्र गतिविधि है।
रेलवे के अनुसार स्टेशन जाने वाले अधिक व्यक्तियों का पता लगाने के लिए, जमीनी स्थिति का आकलन करने के बाद समय-समय पर प्लेटफॉर्म टिकट शुल्क में वृद्धि की जाती है। फील्ड प्रबंधन की आवश्यकता के कारण प्लेटफॉर्म टिकट के प्रभार बदलने की शक्ति डीआरएम को सौंप दी गई है। यह कई वर्षों से चलन में है और इसे कभी-कभी शार्ट टर्म भीड़ नियंत्रण उपाय के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके बारे में कुछ भी नया नहीं है।