नई दिल्ली। एपल की दूसरे सबसे बड़ी कॉन्ट्रेक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी पेगाट्रॉन भारत में 150 मिलियन डॉलर (करीब 1100 करोड़ रुपए) का निवेश करेगी। ताइवानी कंपनी पेगाट्रॉन के बोर्ड ने इस निवेश को मंजूरी दे दी है। इन निवेश के जरिए भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाया जाएगा। एक टॉप एक्जीक्यूटिव के हवाले से ताइवानी मीडिया में यह बात कही गई है।
अगले साल की दूसरे हाफ में शुरू हो सकता है उत्पादन
पेगाट्रॉन के CEO लाओ शाई-जांग ने पिछले सप्ताह इन्वेस्टर्स कॉन्फ्रेंस में कहा था कि भारत में बनाए जाने वाले प्लांट में अगले साल के दूसरे हाफ या फिर 2022 की शुरुआत में उत्पादन की शुरुआत हो सकती है। जांग ने कहा कि कंपनी अगले दो सालों में भारत में और निवेश की योजना बना रही है। पेगाट्रॉन ने अपनी भारतीय सब्सिडियरी के लिए इसी जुलाई में रजिस्ट्रेशन कराया था। कंपनी का कहना है कि महामारी के कारण पेगाट्रॉन का स्टाफ भारत का सफर नहीं कर पा रहा है। इस कारण प्लांट लगाने में देरी हो रही है।
PLI स्कीम के लिए भी आवेदन किया
केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 1 अप्रैल को प्रोडक्शन इंसेंटिव स्कीम (PLI) शामिल हैं। इसके तहत सरकार की ओर से अगले पांच साल में 50,000 करोड़ रुपए का इंसेंटिव दिया जाएगा। पेगाट्रॉन के साथ एपल की दो और सप्लायर कंपनी फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन ने भी इस योजना के लिए आवेदन किया है। इन तीनों कंपनियों में से पेगाट्रॉन का भारत में प्लांट नहीं है। PLI स्कीम 1 अप्रैल 2021 से लागू होगी।
पेगाट्रॉन ने भारत में काम शुरू किया
वास्तव में पेगाट्रॉन ने सितंबर से ही भारत में बिजनेस ऑपरेशन शुरू कर दिया है। पेगाट्रॉन ने ऑडिटर्स की नियुक्ति कर दी है। साथ की 1 करोड़ रुपए के इक्विटी शेयर का प्रारंभिक सब्सक्रिप्शन जारी कर दिया। हालांकि, चीन में छात्रों से काम कराने के कारण एपल ने पेगाट्रॉन ने प्रोबेशन में डाल दिया है। CEO का कहना है कि कंपनी दोबारा ऐसा काम नहीं करेगी। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई से पेगाट्रॉ