लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों, श्रमिकों और दिहाड़ी मजदूरों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने 1 मई से प्रदेश में राष्ट्रीय राशन पोटेबिलिटी लागू करने का फैसला लिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने मजदूर दिवस पर शुक्रवार को मजदूरों को सौगात दी है। राज्य सरकार ने 30 लाख मजदूरों को भत्ते की किस्त जारी की है। साथ ही आज मई दिवस के मौके पर राशन देने की दूसरी किस्त की भी शुरुआत की गई है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी सरकार ने निर्माण श्रमिकों, रोज कमाने वाले ठेली, खोमचा, रेहड़ी, रिक्शा, ई-रिक्शा, कुली, ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में 16 श्रेणी के कामगारों धोबी, मिस्त्री, मोची, नाई, कुम्हार, राजमिस्त्री आदि के लिए भरण-पोषण भत्ता देने की व्यवस्था की है।
केंद्र सरकार की वन नेशन, वन कार्ड योजना के तहत राष्ट्रीय राशन पोर्टबिलिटी की शुरुआत कल होने के बाद उत्तर प्रदेश का कोई लाभार्थी अन्य राज्य से और अन्य राज्य का कोई भी लाभार्थी उत्तर प्रदेश से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत बने किसी भी राशन कार्ड की राशन संख्या मात्र बताकर राशन ले सकता है। यह सुविधा आधार आधारित वितरण एवं पिछले 6 माह से सक्रिय राशन कार्डों पर ही होगी।
फ़िलहाल उत्तर प्रदेश सहित 16 राज्य (आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, बिहार, पंजाब, हिमाचल प्रदेश) और केंद्र शासित प्रदेश दादरा नगर हवेली के लाभार्थी आपस में राशन पोर्टबिलिटी का लाभ उठा सकेंगे। प्रवासी मज़दूरों को इस योजना का विशेष लाभ मिलेगा। प्रदेश स्तर पर राशन पोटेबिलिटी पहले से लागू है। अप्रैल में करीब 7.07 लाख राशन कार्ड धारकों ने इस सुविधा का लाभ उठाया। प्रदेश में इस सुविधा का सर्वाधिक लाभ गौतम बुद्ध नगर में 11.50 प्रतिशत और उसके बाद लखनऊ में 8.50 प्रतिशत लोगों ने उठाया।
राशन दुकानों से गेहूं और चावल का वितरण होगा। इसमें अन्त्योदय कार्डधारकों, श्रमिकों-मज़दूरों को वितरण निशुल्क होगा। प्रदेश में अब तक क़रीब 3.8 लाख नए राशन कार्ड बनाए गए हैं ताकि मजदूर-नरेगा श्रमिक तथा अन्य ज़रूरतमंद को राशन मिल सके। कोई भी लाभार्थी केवल अपना राशन कार्ड संख्या बताकर किसी भी राशन दुकान से राशन ले सकता है।
कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन से तंगहाल स्थिति में सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के श्रमिकों के हितों का ध्यान रखा। उनकी गैर प्रदेशों से उत्तर प्रदेश में वापसी कराने के साथ ही शुक्रवार को आर्थिक सहायता प्रदान की है। इस अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम श्रम मेव जयते को नमन करते हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर टीम-11 के साथ बैठक के बाद श्रमिकों और कामगारों को बड़ा उपहार दिया। आज एक साथ 30 लाख श्रमिकों को 300 करोड़ के भरण पोषण भत्ते का उपहार दिया गया। सीएम की तरफ से हर श्रमिक के खाते में एक एक हजार रूपये का भरण पोषण भत्ता प्रदान किया गया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी सरकार कामगारों और श्रमिकों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हमने इससे पहले भी एक-एक हजार रुपया की धनराशि श्रमिक व कामगारों को प्रदान कराया है। आज मई दिवस पर हम एक बार फिर उनको आर्थिक सहायता दी गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण रुकी गतिविधियों से प्रभावित श्रमिकों के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। इससे पहले 24 मार्च को 5.97 लाख निर्माण श्रमिकों के भरण-पोषण के लिए उनके खाते में हजार-हजार रुपया भेजा गया था। 30 अप्रैल 2020 को इस योजना के तहत 16.08 लाख निर्माण श्रमिकों के खाते में एक-एक हजार की राशि का भुगतान हुआ है।
यूपी सरकार अब तक श्रमिकों के खाते में 160 करोड़ 82 लाख रुपए भेज चुकी है। 30 अप्रैल को 7.67 लाख दिहाड़ी मजदूरों के खाते में एक-एक हजार रुपया प्रति श्रमिक भेजा गया है। गामीण इलाकों में 30 अप्रैल तक 5 लाख 55 हजार निराश्रित व्यक्तियों को 55.5 करोड़ का भुगतान किया गया है। 30 मार्च 2020 को 27 लाख 15 हजार मनरेगा मजदूरों के खाते में डीबीटी के माध्यम से 611 करोड़ भेजा गया था। 30 अप्रैल तक प्रदेश की 44806 इकाइयों से श्रमिकों को 602.77 करोड़ के वेतन का भुगतान कराया गया है।