न्यूज 7 एक्सप्रेस ब्यूरो
इंदिरानगर थाना क्षेत्र की तिकरोही चौकी पर तैनात दारोगा व चौकी प्रभारी दीपक राय पर लगे आरोप
लखनऊ। जहां एक तरफ प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह लगातार निर्देश जारी कर रहे हैं और जनता से मिलजुलकर रहने की अपील कर रहे हैं। लेकिन कुछ पुलिसकर्मी उनके हर आदेश को धुंवे में उड़ा देने के आदी बनते जा रहे है। राजधानी में विवेक हत्याकांड के बाद पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी लेकिन वह न बदलने की जैसे कसम खा चुकी है। एक मजलूम कैफे संचालक की पिटाई कर उसे हवालात में डालने के मामले में दारोगा बुरी तरह से फंस गए है। एसएसपी से शिकायत के बाद पूरे मामले की जांच उन्होंने संबंधित सर्किल के अफसर को सौंपते हुए जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए है। आपको बता दे शहर के इंदिरानगर थाना क्षेत्र की तिकरोही चौकी पर तैनात दारोगा व चौकी प्रभारी दीपक राय पर चाय समोसे का होटल चलाने वाले एक युवक ने मुफ्तखोरी के विरोध में पिटाई कर हवालात में डालने का आरोप लगाया था। यही नही दारोगा द्वारा उससे नगदी छीनने का व फर्जी मुकदमे में जेल न भेजने के लिए रिश्वत की मांग का आरोप भी लगाया था।
पीड़ित ने एसएसपी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई तो एसएसपी कलानिधि ने पूरे मामले की जांच सीओ गाजीपुर अमित कुमार को सौंपी है। मंगलवार शाम जमानत पर छूटे पीड़ित ने एसएसपी, डीजीपी और मुख्यमंत्री को ट्वीट और ई-मेल कर भी गुहार लगाई थी। पीड़ित समीर खान के मुताबिक तकरोही में मायावती कॉलोनी मोड़ पर उसकी अफलातून कैफे के नाम से चाय, समोसे आदि खाने पीने चीजों की शॉप है। समीर का आरोप है कि तकरोही चौकी प्रभारी दीपक राय सिपाहियों के साथ उसकी दुकान पर अक्सर मुफ्त में चाय नाश्ता करते हैं। जिसका उसने कुछ दिनों पहले विरोध किया था।
आरोप है कि सोमवार को दीपक राय सिपाही के साथ आए और दुकान का काउंटर एक फुट बाहर होने का हवाला देते हुए उसकी पिटाई करने लगे। इतना ही नहीं सारा सामान तोड़ डाला। वहीं लोगों की भीड़ जुटते देख उसे घसीट कर बाइक पर बिठा कर चौकी ले गए। यहां चौकी पर भी उसे पट्टा और लात घूंसों से जमकर पीटा गया। इतना ही नहीं चौकी में बनी हवालात में ठूंस दिया गया। आरोप है चौकी इंचार्ज ने उसकी गले की चेन और जेब मे रखे 15 हजार रुपये समेत मोबाइल फोन भी छीन लिया।
छोड़ने के एवज में एक लाख रुपये मांगने का आरोप
पीड़ित समीर खान का आरोप है कि चौकी इंचार्ज ने कहा कि वह 3200 वर्ग फुट में एक मकान बनवा रहे हैं। ठेकेदार को उसे रुपये देने है। इसलिए यदि वह चाहता है कि झूठे केस में उसे जेल न जाना पड़े तो एक लाख रुपये को व्यवस्था करवा दे। पीड़ित के असमर्थता जताने पर उसे थाने लाकर लॉकअप में डाल दिया गया। मंगलवार को व्यापारियों के जुटने पर पुलिस ने आनन-फानन में उसका शांतिभंग में चालान कर दिया। देर शाम कोर्ट से जमानत पर आए पीड़ित ने सीएम जनसुनवाई पोर्टल समेत एसएसपी और डीजीपी को शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी।