वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की टिप्पणी ने बुधवार को एक नया विवाद खड़ा कर दिया, जब उन्होंने पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी को पहले कैम्ब्रिज में और फिर इंपीरियल कॉलेज में दो बार शिक्षाविदों में असफल बताया। अपनी ही पार्टी के प्रधान मंत्री की आलोचना करने वाले अय्यर की टिप्पणी ने सत्तारूढ़ भाजपा को सबसे पुरानी पार्टी पर हमले को तेज करने के लिए नया हथियार दे दिया है। हालांकि, अब कांग्रेस मणिशंकर अय्यर के इस बयान के बाद सफाई में आ गई है और भाजपा पर निशाना भी साध रही है।
कांग्रेस सांसद कुँवर दानिश अली ने कहा कि राजीव गांधी को देश में आईटी क्रांति और आधुनिकीकरण लाने के लिए याद किया जाता है। उन्होंने पंचायती राज व्यवस्था की शुरुआत भी की थी। कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि मैं किसी ऐसे व्यक्ति पर टिप्पणी नहीं करना चाहता जो फ्रस्टेटेड व्यक्ति है। उन्होंने कहा कि मैं राजीव गांधी को जानता था, जिन्होंने देश को आधुनिक दृष्टिकोण दिया। उन्होंने अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के लिए भी ठोस कदम उठाये। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पार्टी (कांग्रेस) का एक वर्ग उनके साथ खड़ा नहीं हुआ, वरना देश का इतिहास कुछ और होता। नेता प्रतिपक्ष के रूप में उनके भाषण आज भी नेताओं का मार्गदर्शन करते हैं।
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि अमित मालवीय को चीजों को संपादित करने की आदत है। इसमें कितना सही है और कितना गलत ये तो मणिशंकर ही बता सकते हैं। लेकिन सवाल यह नहीं है कि राजीव गांधी पास हुए या फेल। प्रधानमंत्री के रूप में राजीव गांधी कैसे थे? प्रधानमंत्री बनने के बाद राजीव गांधी ने किस तरह के काम किये? अगर आपको राजीव गांधी का विश्लेषण करना है तो आपको उनके काम का विश्लेषण करना होगा।
उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि बीजेपी वाले पीएम की डिग्री दिखाने को भी तैयार नहीं हैं। पीएम खुद कहते हैं कि वह चाय बेचते थे और मैट्रिक पास कर चुके हैं, लेकिन हम उन्हें उनकी शिक्षा के कारण नहीं देखते हैं। हम उन्हें पीएम के तौर पर उनके काम की वजह से देखते हैं।’ उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री कभी कैम्ब्रिज नहीं गए लेकिन वह एक सक्षम प्रधान मंत्री थे। इसलिए राजीव गांधी एक सक्षम प्रधानमंत्री थे। उन्होंने देश को बहुत कुछ दिया है।