मप्र क्रिकेट टीम 23 साल बाद रणजी ट्राफी के फाइनल में, बंगाल को 174 रनों से हराया

भोपाल। मध्यप्रदेश की क्रिकेट टीम देश के घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंच गई है। मध्यप्रदेश की टीम 23 साल बाद रणजी फाइनल में पहुंची है। खास बात यह है कि साल 1999 में टीम चंद्रकांत पंडित की कप्तानी में पहली बार रणजी के फाइनल में पहुंची थी और वर्तमान में चंद्रकांत टीम के कोच हैं। अब उनकी कोचिंग में ही टीम 22 जून से मुंबई के खिलाफ खिताबी मुकाबले में उतरेगी। हालांकि, 1999 में कर्नाटक के खिलाफ खेले गए फाइनल मुकाबले में मप्र को हार का सामना करना पड़ा था।

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मध्यप्रदेश की क्रिकेट टीम ने शनिवार को बेंगलुरू के अलूर मैदान पर खेले गए रणजी ट्राफी के सेमीफायनल मुकाबले में बंगाल को 174 रनों से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। मध्य प्रदेश की टीम ने इस मुकाबले में पहली पारी में 341 रन बनाए, जबकि बंगाल को पहली पारी में 273 रन पर समेट दिया। पहली पारी में मप्र को 68 रनों की बढ़त मिली। पहली पारी की अहम बढ़त के आधार पर भी मध्यप्रदेश फाइनल में पहुंच सकता था, मगर टीम ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए सीधी जीत हासिल की।

दूसरी पारी में मप्र की टीम ने 281 रन बनाए और बंगाल को दूसरी पारी में 175 रनों के स्कोर पर समेट दिया। इस तरह सेमीफायनल मुकाबला 174 रनों से जीतकर मध्य प्रदेश की टीम सेमीफायनल में पहुंची। पहली पारी में 165 रन बनाने वाले मध्यप्रदेश के बल्लेबाज हिमांशु मंत्री को मैन आफ द मैच चुना गया।

मप्र की इस जीत में वैसे तो पूरी टीम का सराहनीय येागदान है, लेकिन आईपीएल में धूम मचाने वाले कुमार कार्तिकेय और रजत पाटीदार का मप्र की जीत की इस जीत में अपना अहम योगदान रहा। आईपीएल में इस साल कुमार कार्तिकेय ने मुंबई इंडियंस और रजत पाटीदार ने रायल चैलेंजर्स बेंगलुरु का प्रतिनिधित्व किया था। रजत पाटीदार ने अपनी धमाकेदार पारी से बेंगलुरु को अंतिम में पहुंचने में मदद की थी। उन्होंने आइपीएल में शतक भी जड़ा था। वहीं कुमार कार्तिकेय ने भी आइपीएल में अपनी गेंदबाजी की छाप छोड़ी थी।

बेंगलुरु में खेले गए रणजी ट्राफी के सेमीफाइनल मुकाबले में मप्र ने पहली पारी में 341 रन बनाए, जिसमें रजत पाटीदार ने 79 रनों की साहसिक पारी खेलकर मप्र को जीत के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य तक पहुंचा दिया। मप्र के गेंदबाजों ने बंगाल की पहली पारी 273 रनों पर समेट दिया। इसमें कुमार कार्तिकेय ने तीन विकेट चटकाए।

मप्र ने दूसरी पारी में 281 रन बनाए। इसमें रजत चमके और मप्र ने बंगाल को 350 रनों का टारगेट दिया। बंगाल की दूसरी पारी मात्र 175 रनों पर सिमटी। इसमें मप्र के कुमार कार्तिकेय ने पांच विकेट लिए। इस तरह कार्तिकेय ने पूरे मैच में आठ विकेट लिए और रजत पाटीदार ने दोनों पारी मिलाकर 86 रन बनाए। रजत ने पहली पारी में चार और दूसरी में एक कैच लपका।

मध्यप्रदेश की तरफ से पहली पारी में 165 रन जड़ने वाले सलामी बल्लेबाज हिमांशु मंत्री को मैन ऑफ द मैच चुना गया। वहीं, कुमार कार्तिकेय ने दूसरी पारी में 5 विकेट झटके। पहली पारी में मंत्री के शतक और अक्षत रघुवंशी के शानदार 63 रनों की बदौलत ही मध्यप्रदेश की टीम 341 रनों का स्कोर बना पाई। जवाब में बंगाल की टीम मनोज तिवारी (102) और शाहबाज अहमद (116) के शतकों के बावजूद 272 रन पर ही सिमट गई।

मध्यप्रदेश की टीम दूसरी पारी में कप्तान और भोपाल के आदित्य श्रीवास्तव (82) और रजत पाटीदार (79) के अर्धशतकों की बदौलत 281 रन बनाने में सफल रही। बंगाल की ओर से मुकेश कुमार ने सबसे ज्यादा 4 और शहबाज अहमद ने 3 विकेट लिए थे। मध्यप्रदेश का फाइनल मुकाबला 22 जून को मुंबई से होगा। यह मैच भी बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जाएगा।

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