लखनऊ। कांग्रेस छोड़ यूपी की सभी प्रमुख पार्टियों ने बाहुबलियों के बेटों पर दांव लगाया है। 4 बाहुबलियों के बेटे पहले भी एक-एक बार विधायक बन चुके हैं। आज हम इन्हीं बाहुबलियों के बेटों के बारे में बता रहे हैं।
हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय पर 750 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का केस
बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी जेल के अंदर से चुनाव जीतने वाले यूपी के पहले नेता थे। सियासत का अपराधीकरण करने वाले हरिशंकर एक समय हर पार्टी की डिमांड बन गए थे। कहते हैं, 90 के दशक में यूपी की राजनीति इनके घर के हाते से तय होती थी। चिल्लूपार विधानसभा सीट से लगातार 6 बार विधायक रहे। सरकार चाहे किसी भी पार्टी की बने इनका मंत्री पद सुरक्षित रहता था।
हरिशंकर के बेटे विनय शंकर तिवारी पिता की चिल्लूपार विधानसभा सीट से 2017 में विधायकी जीते थे। बसपा से विधायक बने थे, लेकिन 2021 में बसपा ने इन्हें पार्टी से निकाल दिया था। अब सपा के टिकट पर चिल्लूपार सीट से ही चुनावी मैदान में हैं। इन पर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह से 750 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है।
अमरमणि के बेटे पर पत्नी की हत्या का आरोप
बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी को पूर्वांचल के ‘डॉन’ हरिशंकर तिवारी का वारिस कहा जाता था। ये भी लगातार 6 बार विधायक रहे। सरकार किसी की भी हो, मंत्रालय में इनकी हिस्सेदारी पक्की होती थी। ये भी जेल में रहकर चुनाव जीते थे। 24 वर्षीय कवियत्री मधुमिता शुक्ला के मर्डर केस में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
अब अमरमणि के 31 साल के बेटे अमनमणि त्रिपाठी पिता की ही नौतनवा विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। 2017 में नौतनवा सीट से ही निर्दलीय विधायक बने थे। अमनमणि पर ठेकेदारों से फिरौती मांगने और जान से मरने की धमकी जैसे आरोप लग चुके हैं। उन पर पर अपनी पत्नी सारा की हत्या का भी आरोप है। जिसकी सीबीआई जांच चल रही है।
बाहुबली रमाकांत के बेटे ने सपा प्रत्याशी का सिर फोड़ दिया था
बाहुबली नेता रमाकांत यादव 4 बार विधायक, 4 बार सांसद और मंत्री भी रहे हैं। अन्य बाहुबलियों की तरह इन पर भी हत्या की कोशिश,अपहरण समेत कई मुकदमे दर्ज हैं। मुख्तार अंसारी और इनके बीच कई बार गैंगवार हुई।
रमाकांत के बेटे अरुणकांत यादव 2017 से फूलपुर पवई विधानसभा सीट से ही विधायक हैं। अरुणकांत भी बाप के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। इन पर दूसरे की जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप है। 2021 के पंचायत चुनाव में इन्होंने लाठी से सपा प्रत्याशी ओंकार यादव का सिर फोड़ दिया था।
आजम खान के बेटे भी करीब दो साल की सजा काट कर रिहा हुए हैं
सपा के बड़े नेता आजम खां की गिनती भी यूपी के बाहुबली नेताओं में होती है। 9 बार विधायक, 2 बार सांसद और 5 बार राज्य मंत्री रहे हैं। आजम के नाम पर 80 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। दस्तावेजों में हेराफेरी करके फर्जी पैन कार्ड और पासपोर्ट बनवाने के मामले में पिछले 2 साल से रामपुर जेल में बंद हैं।
आजम के 31 साल के बेटे अब्दुल्लाह भी अभी जनवरी में जेल से बाहर आए हैं। इनके ऊपर भी 40 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। पिछली बार 25 साल की उम्र में विधायक बने थे। बाद मे पता चला कि इन्होंने फर्जी दस्तावेज बनवाकर अपनी उम्र 25 दिखाई थी। इसी के चलते अब्दुल्लाह की विधायकी निरस्त कर दी गई और जेल भेज दिया गया था। अब अब्दुल्लाह फिर रामपुर जिले की स्वार विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं।
मुख्तार अंसारी का बेटा पहले नेशनल शूटर बना फिर विधायक
यूपी के चर्चित डॉन और 5 बार के विधायक मुख्तार अंसारी अभी जेल में हैं। उन पर हत्या, रंगदारी समेत कुल 52 मुकदमे दर्ज हैं। तीन दिन पहले तक चर्चाएं थीं कि वो जेल से ही चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन अब उनकी मऊ सीट से उनके बड़े बेटे अब्बास चुनाव लड़ रहे हैं।
30 साल के अब्बास अंसारी ओमप्रकाश राजभर की ‘सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी’ के टिकट पर मऊ से चुनावी मैदान में हैं। अब्बास शॉटगन शूटिंग खेल में नेशनल लेवल के निशानेबाज हैं। वे निशानेबाजी में तीन बार के नेशनल चैंपियन हैं और कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीय टीम का हिस्सा रहे हैं। 2017 में भी मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे। हार गए थे। अब देखना होगा अपने पिता की सीट पर कैसा प्रदर्शन करते हैं।