लखनऊ। सपा, बसपा और कांग्रेस की सरकारें हिंदू विरोधी है। इन दलों ने हिंदू आस्था के साथ हमेशा खिलवाड़ किया है। हिंदू आस्था के केंद्र सेतु बंध को प्रभावित करने की कोशिश की गई, जिसे भगवान विश्वकर्मा के बेटे नल और नील ने भगवान श्रीराम को श्रीलंका जाने को तैयार किया था। उक्त बातें भाजपा के पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही। वह विश्वकर्मा समाज को संबोधित कर रहे थे।
पहले की सरकार अपने परिवार को ही प्रदेश मानती थीं..
सीएम ने सपा का नाम लिए बिना 2012 से 2017 तक रही प्रदेश सरकार को कलयुगी अवतार बताया। सीएम ने कहा कि पहले की सरकार अपने परिवार को ही प्रदेश मानती थी। वर्ष 2012 से 2017 तक चाचा, भतीजा, नाना, मामा समेत पूरा खानदान लूट-खसोट में लगा था।
सभी रिश्तों ने महाभारत की याद दिला दी थी। पूरा खानदान महाभारत का कलयुगी अवतार जैसा था। उनके शासन में कोई ऐसा जिला नहीं बचा था, जहां दंगे नहीं होते थे। यह दंगे हिंदुओं के त्योहार से पहले ही होते थे। हिंदू अपना त्योहार ही नहीं मना पाते थे।
राम बंध तोड़ने के लिए उन्होंने एड़ी चोटी का जोर लगाया था
सपा ने 2004 में यूपीए सरकार को बिना मांगे समर्थन दिया। ताकि कांग्रेस के कंधे पर बंदूक रखकर हिंदू आस्था को चोट पहुंचा सके। सपा, बसपा और कांग्रेस ने मिलकर 2005 में राम बंध को तोड़ने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था।
युवाओं को नौकरी नहीं थी, हमें दिलाई
उनके शासन में युवाओं के सामने पहचान का संकट था। नौकरी नहीं मिलती थी। तैनाती से पहले लोग वसूली पर निकल पड़ते थे। आज युवाओं को उनकी योग्यता के आधार नौकरी मिल रही है। भाजपा सरकार के साढ़े चार साल में 45 लाख आवास समाज के सभी वर्गों को मिले है। पहले की सरकारें इससे वंचित करती थी ।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान के जरिए 60 लाख लोगों को स्वरोजगार
सीएम ने कहा कि विभिन्न ट्रेंड के कारीगर को ट्रेनिंग देकर उनके स्वरोजगार के लिए लोन और सब्सिडी दी जा रही है। विश्वकर्मा समाज को पिछड़ा वर्ग आयोग सहित संसद में भी भाजपा प्रतिनिधित्व दे रही है। विश्वकर्मा समाज के लोग आज जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख, प्रधान बनकर डेवलपमेंट में भागीदार बन रहे हैं।
राम द्रोही कभी हितैषी नहीं हो सकते
सीएम ने सपा, बसपा और कांग्रेस को राम द्रोही और आतंकी समर्थक बताया। कहा कि यह कभी किसी समाज के हितैषी नहीं हो सकते। इनसे जितना दूर रहेंगे उतना ही आपका भविष्य सुरक्षित रहेगा। इसलिए घर-घर जाकर सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को बताना होगा।