लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 15 जनवरी को पार्टी अध्यक्ष मायावती का 65 वां जन्मदिन ‘जन कल्याणकारी दिवस’ के रूप में मनाएगी। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सादगी से उनका जन्मदिन मनाया जाएगा। बसपा, पहले इस अवसर पर भव्य तरीके से जश्न मनाती थी। हालांकि इस मुद्दे पर तीखी आलोचना का सामना करने के बाद पार्टी ने इस दिन को ‘जन कल्याणकारी दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला लिया।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, मायावती ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को प्रवासियों, किसानों, मजदूरों और गरीब लोगों की मदद करने का निर्देश दिया है जो आर्थिक मंदी के कारण समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
जन कल्याणकारी दिवस कार्यक्रम के तहत, बसपा नेता जरूरतमंदों, गरीबों और विकलांगों की सहायता करेंगे।
बसपा नेता ने कहा, “हम मिठाई और फल वितरित करने के लिए गांवों और अस्पतालों का दौरा करेंगे।”
उन्होंने पार्टी नेताओं को अपने जन्मदिन के जश्न के दौरान सरकार द्वारा घोषित कोविड -19 प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए भी कहा है। पार्टी ने कहा कि कार्यकर्ताओं का कोई जमावड़ा या सभा नहीं होगी।
मायावती दिल्ली में महामारी शुरू होने के समय से ही हैं और उनके जन्मदिन पर लखनऊ आने का अभी तक कोई कार्यक्रम नहीं है।
उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी कैडर को तैयार करने के लिए नियमित समीक्षा बैठकें कर रही है।
उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियों को बूथ स्तर पर पार्टी संगठन को मजबूत करने और ब्राह्मणों, पिछड़े वर्गों और मुसलमानों के समर्थन को जीतने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश दिया है।
पार्टी नेताओं ने कहा कि पार्टी फंड के वित्तीय योगदान के बारे में पार्टी हाईकमान की ओर से अभी तक कोई आदेश नहीं आया है।
गौरतलब है कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने कोई सीट नहीं जीती थी। वहीं 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में 19 सीट पर और साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा के साथ चुनाव लड़ने पर 10 सीटों पर जीत मिली थी, हालांकि परिणाम घोषित होते ही बसपा ने सपा से रास्ते अलग कर लिए थे।