महुआ से अब बलपूर्वक छीना जाएगा सरकारी बंगला

नई दिल्ली। कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर बड़ा एक्शन हुआ था। दरअसल कैश फॉर क्वेरी मामले में अब उनकी संसद सदस्यता चली गई। अब उनके जेल जाने की तलवार भी लटक रही है क्योंकि एथिक्स कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की सांसदी रद्द करने के साथ ही इस पूरे मामले की कानूनी जांच कराने की सिफारिश की थी।

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ऐसे में अब फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के आपराधिक पहलुओं की जांच होने की बात सामने आ रही है। इस बीच टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला खाली करने के लिए बोला गया है लेकिन इसके बाद भी वह सांसदों को अलॉट होने वाले सरकारी बंगले में ही रह रही हैं। अब टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस मिला है।

टीएमसी नेता को संपदा निदेशालय की तरफ से नोटिस जारी किया गया है. संपदा निदेशालय सरकारी संपत्तियों को मैनेज करने का काम करता है।

नोटिस में कहा गया है कि अगर महुआ खुद से बंगले को खाली नहीं करती हैं तो उन्हें और वहां रह रहे अन्य लोगों को परिसर से बेदखल किया जाएगा।

बता दे कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर बड़ा आरोप लगाया था और कहा था कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर कैश-गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछती है।इसमें कहा गया था कि महुआ ने व्यापारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में अडानी ग्रुप और पीएम मोदी पर लगातार निशाना साधा था। इसके बदले व्यापारी से उन्हें गिफ्ट्स मिले थे।

इसमें कहा गया है कि महुआ ने हीरानंदानी के साथ अपनी संसदीय लॉग इन आईडी और पासवर्ड शेयर किया था, जिससे वह (हीरानंदानी) महुआ की तरफ से सवाल कर सकें। मामला अब ज्यादा तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है।

वही अब टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने सफाई दी थीं। इसपर टीएमसी की नेता महुआ मोइत्रा ने पलटवार करते हुए कहा था कि बीजेपी का एजेंडा है मुझे चुप कराना। इससे पहले चार दिसंबर को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा था कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन को काफी अहम बताया। उन्होंने आगे लिखा था कि आज मेरे संसदीय जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। आज शुरुआत माता-पिता का आशीर्वाद लेकर की।

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