महोबा जा रहे पूर्व सांसद समेत 50 कांग्रेसियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

महोबा। उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत हुए 11 दिन बीत चुके हैं। लेकिन, नामजद आरोपी आईपीएस मणिलाल पाटीदार की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। वहीं, इस प्रकरण पर सियासत भी खूब हो रही है।

सपा के बाद आज गुरुवार को पूर्व सांसद राकेश सचान और प्रदीप जैन की अगुवाई में एक प्रतिनिधि मंडल कारोबारी के परिवार से मिलने जा रहा था। लेकिन, झांसी में ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। महोबा में भी कांग्रेसियों ने हंगामा किया। इस दौरान 50 कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए हैं।

इस पर यूपी कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा कि हत्या में जिस एसपी का नाम आया उसे पुलिस अब तक पकड़ नहीं पाई है। लेकिन कांग्रेसियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

सपा-कांग्रेस में श्रेय लेने की मची होड़

दरअसल, बुधवार को सपा के पूर्व मंत्री मनोज पांडेय की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने कारोबारी के परिवार से मिलने की कोशिश की थी। लेकिन कानपुर-सागर हाईवे पर सभी को हिरासत में ले लिया गया था। वहीं, आज कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को लेकर योगी सरकार को घेरने की कोशिश की। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल के आने की सूचना पर कबरई सहित हाईवे को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था।

हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री को महोबा पहुंचने से पहले ही पुलिस ने जनपद झांसी में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। यह बात जब महोबा के कार्यकर्ताओं को पता चली तो स्थानीय कांग्रेसी नेताओं ने भी जिलाध्यक्ष तुलसीदास लोधी के नेतृत्व में कबरई जाने का प्रयास किया। लेकिन शहर कोतवाली क्षेत्र के किड़ारी रेलवे फाटक के पास पुलिस ने कांग्रेसियों को घेर लिया।

इस दौरान नेताओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मृतक इंद्रकांत के लिए न्याय की मांग की। हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी की भी मांग की है। पुलिस ने सभी कांग्रेसियों को गिरफ्तार कर बज्र वाहन से श्रीनगर के अस्थाई जेल भेजा है।

 

मौत से पहले व्यापारी ने वीडियो वायरल कर जताया था जान का खतरा

कबरई के रहने वाले व्यापारी इंद्रकांत ने सात सितंबर को वीडियो वायरल कर कहा था कि उनकी जान को खतरा है और अगर उन्हें कुछ होता है तो महोबा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार ही जिम्मेदार होंगे। उन्हें लगातार मारने की धमकियां मिल रही थीं।

अगली सुबह 8 सितंबर को इंद्रकांत अपनी कार में घायल मिले थे। 13 सितंबर को कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में इलाज के दौरान इंद्रकांत की मौत हो गई। इस प्रकरण में पहले मणिलाल पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया था। लेकिन मौत के बाद हत्या में बदल दिया गया।

वहीं, सीएम योगी ने प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी। एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट तलब की गई है।

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