मानसून सत्र में प्रश्न काल लाने की मांग, चीन के घुसपैठ पर जवाब नहीं देना चाहती मोदी सरकार

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने फैसला किया है कि वो 14 सितंबर से शुरू होने वाले संसद सत्र से प्रश्न काल हटाने का मुद्दा लोक सभा अध्यक्ष और राज्य सभा के चेयरमैन के सामने उठाएगी। राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी सभा अध्यक्षों को पत्र लिखेंगे। गुरुवार को कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने वीडियो कांफेंसिंग के जरिए एक बैठक की और संसद सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों पर विचार किया। संसद सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस पार्टी एक बार फिर इस पर विचार करेगी।

सोनिया गांधी को पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन और सुधार की मांग को लेकर लिखे गए असंतुष्टों के पत्र के बाद पार्टी नेताओं की ये बैठक काफी महत्वपूर्ण थी। हालांकि सूत्रों ने बताया कि गुरुवार की बैठक में संसद सत्र से जुड़े मुद्दों पर ही चर्चा हुई। चिट्ठी लिखने वालों में प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार की वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की।

पार्टी प्रवक्ता रंदीप सुरजेवाला ने कहा, मुद्दा ये है कि केंद्र सरकार को कैसे जिम्मेदार ठहराया जाय, उसके झूठों को कैसे पर्दाफाश किया जाय और कैसे कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाया जाय। प्रश्न काल समाप्त कर सरकार सवालों से बचना चाहती है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार चीन के भारत में घुसपैठ पर किसी सवाल का जवाब नहीं देना चाहती। वो भारतीय अर्थव्यवस्था की बुरी हालत पर भी कोई जवाब नहीं देना चाहती। जीडीपी 73 सालों में पहली बार माइनस 24 फीसदी पर चली गई।

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