मालेः चीन समर्थक उम्मीदवार हारे, भारत समर्थक मोहम्मद सोलिह चुनाव जीते

माले। हाल में ही विदेशी रिश्तों में नीचे आते जा रहे भारत को आज बेहद बड़ी खुशखबरी मिली। भारत के दक्षिण-पश्चिम में स्थित सवा चार लाख की आबादी वाले देश मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे भारत के लिए अच्छे संकेत दे रहे हैं। क्योंकि चीन की तरफ झुकाव रखने वाले मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन चुनाव हार गए हैं और भारत के साथ मजबूत संबंधों के हिमायती मालदिवियन डेमोक्रैटिक पार्टी (MDP) के उम्मीदवार 54 वर्षीय इब्राहिम मोहम्मद सोलिह जीत गए हैं।

मालदिवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के इब्राहिम मोहम्मद सोलिह मालदीव के अगले राष्ट्रपति चुनाव होंगे। रविवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को हरा दिया। चुनाव आयोग के मुताबिक, सोलिह को 58.3 प्रतिशत वोट हासिल हुए। जीत के बाद सोलिह ने अपने पहले भाषण में कहा, “यह पल खुशी और उम्मीद का है।” यामीन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। जीत की घोषणा के साथ ही सोलिह की मालदिवियन डेमोक्रैटिक पार्टी (MDP) का पीला झंडा लेकर विपक्ष समर्थक सड़कों पर उतर आए और खुशी का इजहार किया।

सोलिह को 262,000 हजार वोट में से 133808 वोट मिले, जबकि यामीन को 95,526 वोट मिले। राष्ट्रपति चुनाव में 88 फीसदी मतदान हुआ। इस चुनाव में कोई अन्य उम्मीदवार खड़ा नहीं हुआ था, क्योंकि उनमें से कई उम्मीदवार जेल में थे या फिर कुछ को देश छोड़ना पड़ा था। सोलिह ने कहा कि यामीन को जनता की इच्छा का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि जनाधार उनके खिलाफ आया है। उन्हें शांति से सत्ता हस्तांतरण करना चाहिए। उन्होंने राजनीतिक बंदियों को फौरन रिहा करने की अपील भी की।

यामीन नवंबर 2013 में राष्ट्रपति बने थे। उनके कार्यकाल के दौरान राजनीतिक पार्टियों, अदालतों और मीडिया पर कार्रवाई की गई। यामीन के खिलाफ महाभियोग की कोशिश कर रहे सांसदों पर कार्रवाई की गई। इनमें से कई देश छोड़कर चले गए या कुछ को जेल में डाल दिया गया। दरअसल, मालदीव में इसी साल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को राजनीतिक बंदियों को छोड़ने का आदेश दिया था। राष्ट्रपति यामीन ने कोर्ट के आदेश को मानने से इनकार करते हुए वहां 15 दिन की इमरजेंसी लागू कर दी थी। राजनीतिक संकट में मालदीव के विपक्षी नेता और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत से सैन्य दखल की गुहार लगाई थी। भारत ने भी मालदीव के हालात पर चिंता जताई थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच विवाद पैदा हो गया।

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