नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाला विधानयसभा चुनाव भाजपा के लिए करो या मरो वाली स्थिति है। भाजपा का पूरा कुनबा इसकी तैयारी में जुटा हुआ है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह खुद बंगाल की कमान संभाले हुए हैं।
मिशन बंगाल के लिए बीजेपी नेतृत्व ने अगले पांच माह के लिए पूरी तैयारी कर ली है। हर बूथ तक अपनी मजबूत पैठ बनाने के लिए बीजेपी नेता भोजन और संपर्क के जरिए लोगों से सीधा संवाद करेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा तो हर महीने राज्य का दौरा करेंगे ही उनके अलावा पार्टी के विभिन्न केंद्रीय नेता कम से कम 15 दिन राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में रहेंगे।
हालांकि भाजपा ने चुनावी तैयारी तो कई महीने पहले ही शुरु कर दी थी लेकिन विभिन्न राज्यों से आए संगठन एवं संवाद में माहिर नेताओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर काम करना भी शुरू कर दिया है।
भाजपा ने बंगाल को संगठनात्मक रूप से पांच हिस्सों में बांटा हुआ है। इनमें उत्तरी बंगाल की कमान संयुक्त संगठन मंत्री शिव प्रकाश संभाले हुए हैं। राढ़ बंग क्षेत्र में रविंद्र जाजू और विनोद सोनकर की टीम है, जबकि कोलकाता में सुनील बंसल और दुष्यंत गौतम मोर्चा संभाले हुए हैं।
नवदीप में भीखू भाई दलसानिया के साथ विनोद तावड़े और हावड़ा-मेदिनीपुर में पवन राणा के साथ सुनील देवधर और हरीश द्विवेदी सक्रिय हैं।
इनके अलावा सात केंद्रीय नेता संजीव बालियान, गजेंद्र सिंह शेखावत, केशव प्रसाद मौर्य, नरोत्तम मिश्रा, अर्जुन मुंडा और मनसुख मंडाविया छह – छह लोकसभा क्षेत्रों की कमान संभाले हैं। अन्य केंद्रीय मंत्री भी राज्य में सक्रिय है।
भाजपा की रणनीति विधानसभा चुनाव तक राज्य के हर क्षेत्र में अपने नेताओं की टीम के जरिए हर मतदाता तक पहुंचने की है।
वहीं पार्टी ने बंगाल के साथ खुद को तादात्म कायम करने के लिए भोजन और संपर्क अभियान चलाया हुआ है। इसके तहत पार्टी के नेता अपने दौरों में किसी सामान्य व्यक्ति के घर जाकर भोजन करेंगे। वह दलित, पिछड़ा, किसान, मजदूर, कलाकार आदि होंगे।
दरअसल इनके जरिए पार्टी विभिन्न वर्गों को संदेश भी देगी और अपनी जमीन भी मजबूत करेगी। दूसरी तरफ बड़े नेता रोड शो और रैलियों के जरिए ममता बनर्जी के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश करेंगे।