‘मिशन रोजगार’ के लिए योगी ने जारी किया शासनादेश, बढ़ेंगे काम के अवसर

-चार वर्षों में चार लाख नौकरियां देने के लिए प्रभावी तरीके से काम कर रही उप्र सरकार
लखनऊ। प्रदेश में ‘मिशन रोजगार’ के तहत चार वर्षों में रिकार्ड चार लाख नौकरियां देने की तरफ कदम बढ़ा रही योगी सरकार ने इस दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में मिशन रोजगार को लेकर शासनादेश जारी किया है।
इसमें हर जनपद में रोजगार के लिए कार्ययोजना तैयार करने का अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। राज्य सरकार ने कहा है कि सरकारी नौकरियों के साथ ही स्वरोजगार और प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार के अवसर जुटाए जाएं, जिसका सीधा लाभ लोगों को मिल सके। जिलाधिकारियों को इसके लिए डेटाबेस तैयार करने को कहा गया है।
कोरोना में रोजगार प्रभावित होने से भरपायी में जुटी सरकार
दरअसल कोरोना के कारण बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार प्रभावित होने के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार इसकी भरपायी में जुट गई है। मुख्यमंंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस वित्तीय वर्ष में 50 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए 05 दिसम्बर से अभियान शुरू किया गया है। ‘मिशन रोजगार’ के तहत सरकार विभिन्न सेक्टर में चरणवार तरीके से लोगों को सेवायोजित करने का कार्य कर रही है यह प्रदेश में रोजगार के लिए अब तक का सबसे बड़ा अभियान है।
हर सेक्टर में रोजगार के अवसर किए जा रहे सृजित
प्रदेश सरकार के मुताबिक यह सेवायोजन, मनरेगा के अतिरिक्त किया जा रहा है। इसमें सरकारी विभागों, परिषद, निगमों में खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने के साथ ही सरकारी प्रयासों से निजी क्षेत्र में अथवा स्वरोजगार के नए अवसर भी सृजित किए जाने की पहल की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये प्रभावी कार्रवाई निरन्तर जारी रखी जाए। जनपद स्तर पर जिला सेवायोजन अधिकारी को जिम्मेदारी देते हुए पोर्टल के माध्यम से रोजगार प्रदान करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
‘मिशन रोजगार’ पर कार्ययोजना बनाकर किया जा रहा काम
प्रदेश में ‘मिशन रोजगार’ के माध्यम से रोजगार, स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण तथा अप्रेन्टिसशिप से रोजगार व स्वरोजगार के विशेष अवसर सृजित किये जा रहे हैं। इस अभियान के तहत विभिन्न सरकारी विभागों, संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, निगमों, परिषदों, बोर्डों तथा प्रदेश सरकार के विभिन्न स्थानीय निकायों, जिनमें  विभिन्न विकास प्राधिकरणों तथा औद्योगिक विकास प्राधिकरण भी सम्मिलित हैं।
इससे समन्वित रूप से प्रदेश के युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार के साथ ही कौशल प्रशिक्षण तथा अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से अधिक से अधिक रोजगार, स्वरोजगार के अवसर सृजित किये जाएंगे। इस प्रकार प्रदेश में रोजगार, स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण तथा अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से सृजित रोजगार, स्वरोजगार सहित कार्य-योजना को मूर्तरूप देकर प्रदेश में इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक लाखों युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार के लिये सक्षम बनाया जायेगा।
आईआईडीसी को कामगारों के रोजगार की समीक्षा का जिम्मा 
‘मिशन रोजगार’ के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औद्योगिक एवं अवस्थापना विकास आयुक्त (आईआईडीसी) को सभी जनपदों में कामगारों व श्रमिकों को रोजगार देने की स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को सरकारी व निजी क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराने के लिये संकल्पबद्ध है। इसके लिए प्रदेश में संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से भी उन्हें स्वावलम्बी बनाने का कार्य किया जा रहा है।
पुलिस विभाग में सबसे ज्यादा 1.37 लाख युवाओं को​ मिली नौकरी
प्रदेश में सरकारी महकमों में प्रमुख रूप से हुई भर्तियों पर नजर डालें तो अब तक 3,31,803 पदों पर युवा नौकरी हासिल कर चुके हैं। इनमें पुलिस विभाग में 1,37,253, बेसिक शिक्षा विभाग में 85,983, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 28,622, यूपी लोक सेवा आयोग में 26,103, अधीनस्थ सेवा में 16,708, माध्यमिक शिक्षा में 14,000, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण में 8,556, यूपी पावर कारपोरेशन में 6,446 पदों पर भर्तियां की गई हैं।
इसके अलावा अन्य महकमों में 8,132 भर्तियां हो चुकी हैं।  इनमें उच्च शिक्षा में 4,615, चिकित्सा शिक्षा में 1,112 सहकारिता में 726, नगर विकास में 700, वित्त विभाग में 614 और तकनीकी शिक्षा में 365 भर्तियों के जरिए युवाओं को नौकरी मिली है। इसी कड़ी में हाल ही में मुख्यमंत्री ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के नवचयनित 3,209 नलकूप चालकों को नियुक्ति पत्र भी वितरित किए हैं।

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