कोरोनावायरस लॉकडाउन की वजह से एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का बुरा दौर जारी है। पिछले कुछ समय में काम न मिलने की वजह से कई टीवी स्टार्स ने काम न होने और आर्थिक तंगी की वजह से मौत को गले लगा लिया है।
ऐसे में एक्टर रोनित रॉय ने एक इंटरव्यू में इंडस्ट्री के बुरे दौर को लेकर बात की है। साथ ही उन्होंने लॉकडाउन की वजह से खुद की ज़िंदगी में आ रही परेशानियों का भी खुलकर जिक्र किया है।
रोनित को भी हुई पैसों की तंगी: टाइम्स ऑफ़ इंडिया को दिए इंटरव्यू में रोनित ने कहा, मैंने इस साल जनवरी से कोई कमाई नहीं की है।
मेरा एक छोटा सा बिजनेस है जो चल रहा था लेकिन मार्च से वो भी बंद हो गया। मेरे पास जो कुछ भी है मैं उसे बेचकर 100 परिवारों की मदद कर रहा हूं जिनकी जिम्मेदारी मैंने ली है। मैं कोई बहुत अमीर आदमी नहीं हूं लेकिन मैं तब भी अपने स्तर पर मदद करने की कोशिश कर रहा हूं।
तो इन प्रोडक्शन हाउस और चैनलों को भी कुछ करना चाहिए जिनके बड़े और चमकदार ऑफिस दो किलोमीटर दूर से चमकने लगते हैं।
इंडस्ट्री में 90 दिन बाद पेमेंट का रूल है। जब हम कोई कॉन्ट्रैक्ट साइन करते हैं तो उसमें यह बात स्पष्ट रूप से लिखी होती है कि पेमेंट 90 दिन बाद मिलेगा। लेकिन ऐसे समय में जब सबका काम रुका हुआ है।
प्रोडक्शन हाउस को समझना चाहिए कि लोगों को अपने रोजाना के खर्चों के लिए पैसों की जरूरत होगी। वो एक्स्ट्रा पैसे नहीं दे सकते लेकिन जिसका जो पैसा है कम से कम उसे वो पैसा तो दें।
सुसाइड कोई हल नहीं: रोनित ने लॉकडाउन में काम न मिलने पर सुसाइड कर रहे एक्टर्स के बारे में कहा, खुद को खत्म कर लेना कोई हल नहीं है।
मेरी पहली फिल्म जान तेरे नाम 1992 में रिलीज हुई थी जो कि ब्लॉकबस्टर थी। वह सिल्वर जुबली फिल्म थी और आज के जमाने में सिल्वर जुबली मतलब 100 करोड़ की फिल्म होती है।
मेरी डेब्यू फिल्म उस लेवल की थी लेकिन उसके छह महीने बाद मुझे काम के लिए एक कॉल नहीं आया। मैं चार साल घर बैठा रहा। मेरे पास छोटी कार थी, लेकिन पेट्रोल के पैसे नहीं थी।
मैं खाना खाने के लिए पैदल अपनी मां के घर जाता था और यह सब सिल्वर जुबली फिल्म में काम करने के बाद हुआ। लेकिन मैंने सुसाइड नहीं किया, पैसों की तंगी की वजह से अपनी जान ले लेना कोई हल नहीं है।