मिस्ट्री गर्ल की आवाज- किडनैपिंग की थ्योरी गलत, क्यूबा भागने की फिराक में था मेहुल

नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के आरोपी मेहुल चौकसी के बारे में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। इस बार उसकी साजिशों का भंडाफोड़ उसकी कथित गर्लफ्रेंड बारबरा जेबरिका ने किया है। बारबरा ने मेहुल की किडनैपिंग की थ्योरी को बकवास करार दिया। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में उसने मेहुल के क्यूबा भागने के प्लान के खुलासा किया। उसने बताया कि मेहुल ने मुझसे अगली बार क्यूबा में मिलने को कहा था।

बारबरा ने कहा कि मेहुल ने कभी भागने जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया, लेकिन उसने मुझसे दो बार पूछा कि क्या मैं कभी क्यूबा गई हूं। मुझे यह भी बताया कि अगली बार हम क्यूबा में मिल सकते हैं। इसलिए मुझे यकीन है कि डोमिनिका मेहुल की आखिरी मंजिल नहीं थी। क्यूबा मेहुल की फाइनल डेस्टिनेशन रही होगी।

मैं उसकी गर्लफ्रेंड नहीं: बारबरा
बारबरा ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में मुझे मेहुल की गर्लफ्रेंड बताया जा रहा है। मैं साफ करना चाहूंगी कि मैं उसकी गर्लफ्रेंड नहीं थी और न ही मेरा उससे कोई संबंध रहा है। मेरा खुद का बिजनेस है। मुझे अपनी जरूरतों के लिए उनके पैसे या समर्थन, होटल बुकिंग और ज्वैलरी की जरूरत नहीं है।

मेहुल से पहली बार अगस्त में मिली
बारबरा ने कहा कि मैं मेहुल को पिछले अगस्त से जानती हूं और जॉली हार्बर में उनसे मिली थी। मेरी उनसे पहली मुलाकात उस वक्त हुई, जब मैंने एयर बीएनबी में घर किराए पर लिया। मेहुल पहले से ही उसी इलाके में रहते थे। उन्होंने अपना परिचय राज के रूप में दिया।

उसने बताया कि अगस्त से अप्रैल के बीच वह हमेशा मुझे मैसेज किया करते थे, लेकिन मैंने उसे सिर्फ एक या दो बार ही रिप्लाई दिया। फिर इस साल अप्रैल-मई के बीच हमारी बातचीत बढ़ गई। हमने एक साथ बिजनेस करने के लिए चर्चा किया करते थे। जब मैं अप्रैल-मई में आइसलैंड पर थी, तब हमारी रोज बातचीत होने लगी थी।

किडनैपिंग के आरोपों पर सफाई दी
बारबरा ने कहा कि किडनैपिंग के मामले में किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया। अपहरण का कोई सवाल नहीं उठता। जो लोग जॉली हार्बर इलाके को जानते हैं, उन्हें पता होगा कि वह सबसे सुरक्षित और पारिवारिक इलाका है। वहां किसी का अपहरण करना असंभव है।

मेहुल को पहचानना आसान नहीं था
बारबरा ने कहा कि मैंने मेहुल की पुरानी सभी तस्वीरें बाद में देखीं। वह अब पहले से बिल्कुल अलग दिखता है। मुझे लगता है कि उसने वजन काफी कम किया है। मुझे नहीं लगता कि अगर कोई कैरिबियन छुटि्टयों में घूम रहा है, तो वह भारतीय न्यूज के बारे में पढ़ता होगा। इसलिए चौकसी के बारे में जानकारी होने का तो सवाल ही नहीं उठता। मुझे पिछले सप्ताह तक मेहुल के असली नाम और पृष्ठभूमि के बारे में पता नहीं था। मुझे यकीन है कि एंटीगुआ में ज्यादातर लोगों को भी यह नहीं पता होगा।

डोमिनिका पहुंचने से पहले एंटीगुआ में रह रहा था चौकसी
मेहुल चौकसी एंटीगुआ की नागरिकता लेकर 2018 से वहीं रह रहा था, लेकिन 23 मई को अचानक वहां से लापता हो गया। इसके 2 दिन बाद वह डोमिनिका में पकड़ा गया था। इसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे पुलिस हिरासत में हॉस्पिटल भेज दिया। उसने जमानत अर्जी लगाई है, लेकिन इस पर अंतिम सुनवाई टल रही है।

भारत के सामने पेशकश भी की
चौकसी ने हाल ही में भारत के सामने एक नई पेशकश रखी थी। उसने कहा था कि भारतीय अधिकारी डोमिनिका आएं और अपनी जांच से जुड़े कोई भी सवाल पूछें। चौकसी ने दावा किया कि उसने भारत सिर्फ इलाज के लिए छोड़ा था। वह कानून का पालन करने वाला नागरिक है। चौकसी ने ये बातें डोमिनिका हाईकोर्ट में भेजे अपने हलफनामे में कही थीं।

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