नई दिल्ली। टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा संस लिमिटेड और शापूरजी पलोनजी ग्रुप के साइरस मिस्त्री के मामले पर शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने अपने फैसले में साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने को सही माना है। वहीं, अदालत ने शेयर से जुड़े मामले पर कहा है कि टाटा और मिस्त्री दोनों ग्रुप इसे मिलकर सुलझाएं।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के फैसले के खिलाफ टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड और साइरस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लि. ने क्रॉस अपील दायर की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने इस फैसले को सुनाया है।
मालूम हो एनसीएलएटी ने अपने आदेश में 100 अरब डॉलर के टाटा समूह में साइरस मिस्त्री मिस्त्री को कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल कर दिया था।
17 दिसंबर को अदालत से शापूरजी पालोनजी (एसपी) समूह ने कहा था कि अक्टूबर, 2016 को हुई बोर्ड की बैठक में मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाना ‘खूनी खेल’ और ‘घात’ लगाकर किया गया हमला था। यह कंपनी संचालन के सिद्धान्तों के खिलाफ था।