नई दिल्ली। मुंबई में फंसे यूपी के संत कबीर नगर के मजदूरों को वापस भेजने के लिए सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में 25 लाख रुपये जमा करवाने वाले मुंबई के वकील सगीर अहमद खान ने कहा कि सभी मज़दूर घर पहुंच गए हैं। इसलिए ये पैसे यूपी के उन पांच परिवारों में बांट दिए जाएं, जिनके लोग अपने घर लौटने के दौरान मर गए। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी।
सुप्रीम कोर्ट ने 4 जून को सगीर अहमद को 25 लाख रुपये कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करने की इजाज़त दी थी। सगीर अहमद ने इसके लिए पीएम केयर्स फंड या मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराने से इनकार कर दिया था। पिछले 15 मई को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था।
याचिकाकर्ता की ओर से वकील एजाज मकबूल ने याचिका दायर कर कहा था कि वह उत्तर प्रदेश के बस्ती और संत कबीर नगर से मुंबई रोज़गार के लिए आए मज़दूरों की घर वापसी यात्रा के ख़र्च में 25 लाख रुपये का योगदान करेंगे। याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता खुद एक प्रवासी है जो यूपी के संत कबीर नगर से मुंबई गया है। उसे उन प्रवासियों के दर्द का पता है जो लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए हैं।
याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता ने पहले स्थानीय पुलिस से संपर्क किया था। उसने बताया कि इस पर रेलवे और यूपी सरकार की फैसला करेगी। उसके बाद याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश के नोडल अफसर से संपर्क किया। याचिकाकर्ता ने महाराष्ट्र सरकार से भी संपर्क कर प्रवासी मजदूरों को जाने के लिए पास जारी करने की मांग की। याचिकाकर्ता को जब कहीं से कोई उत्तर नहीं मिला तो उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।