नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में लॉकडाउन और प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर चर्चा हुई। बिहार, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पंजाब और पश्चिम बंगाल लॉकडाउन बढ़ाए जाने के पक्ष में हैं। तेलंगाना और तमिलनाडु ने कहा है कि अभी ट्रेन और विमान सेवा ना शुरू की जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि हम अर्थव्यवस्था खोलने पर काम कर रहे हैं। अभी हमारी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कोरोना का संक्रमण गांवों तक ना पहुंचे।
कहा जा सकता है कि 17 मई को तीसरा चरण खत्म होने के बाद लॉकडाउन हटने नहीं जा रहा है। यह अलग बात है कि जिस तरह पहले के मुकाबले दूसरे चरण में और फिर दूसरे के मुकाबले तीसरे चरण में ढिलाई और छूट का दायरा बढ़ता गया, उसी तरह 17 मई के बाद चौथे चरण में प्रवेश करने पर लॉकडाउन में कुछ और गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी। यह किसी और ने नहीं, बल्कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीटिंग के दौरान कहा।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की तरफ से जारी बयान के मुताबिक पीएम ने कहा, ‘मेरा दृढ़ विश्वास है कि लॉकडाउन के पहले चरण में जिन नियमों की दरकार थी, वो दूसरे चरण में जरूरी नहीं रह गईं। उसी तरह तीसरे चरण के नियमों की दरकार चौथे चरण के लॉकडाउन में नहीं है।’ प्रधानमंत्री के इस बयान से संदेह की गुंजाइश नहीं के बराबर रह जाती है कि लॉकडाउन की मियाद 17 मई के बाद भी बढ़ेगी और 18 मई से लॉकडाउन का चौथा चरण शुरू हो जाएगा। उम्मीद की जा सकती है कि जल्द ही चौथे चरण के लॉकडाउन की मियाद का ऐलान भी हो जाए।
मोदी ने कहा- ”मैं सभी मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि आप मुझे एक विस्तृत योजना बनाकर दें कि अपने राज्यों में आप लॉकडाउन पीरियड से कैसे निपटेंगे। मैं चाहता हूं कि राज्य एक ब्लू प्रिंट बनाएं जिसमें लॉकडाउन और उसमें धीरे-धीरे राहत दिए जाने के दौरान उन सभी बारीकियों का जिक्र हो, जिनका सामना राज्यों करना होगा।
- हमें समझना जरूरी है कि कोरोना के बाद दुनिया बदल गई है। ऐसा ही बदलाव विश्व युद्ध के बाद आया था। हमें यही सोचकर काम करना है। हमें धीरे-धीरे लॉकडाउन में ढील देने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना है, क्योंकि कोरोना के लिए वैक्सीन या स्थायी हल नहीं मिलने तक यही एक मात्र हथियार है। अब हमें ‘जन से लेकर जग तक’ के सिद्धांत पर चलना है।
- मानसून की शुरुआत के बाद कोरोना के अलावा कई तरह की बीमारियों से समाधान के लिए भी हमें तैयार रहना पड़ेगा। कोरोना के बाद का वक्त भारत के लिए अच्छे मौके लाएगा, हमें इनका भरपूर फायदा उठाना है। हमारे पॉलिसीमेकर्स को अब टीचिंग और एजुकेशन सेक्टर को नया रूप देने के बारे में सोचना चाहिए।”
मुख्यमंत्रियों ने मोदी से क्या कहा?
- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा- लॉकडाउन पर जो भी फैसला केंद्र लेगा, वह हमें मंजूर होगा। लेकिन, हमारा सुझाव यह है कि लॉकडाउन को मई तक बढ़ा दिया जाए। लॉकडाउन बढ़ा दिए जाने से राज्यों में वापस लौट रहे प्रवासियों को संभालना आसान हो जाएगा। संक्रमित व्यक्तियों की पहचान करके संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी।
- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्यों में आर्थिक गतिविधियां शुरू करने का फैसला राज्यों को सौंपा जाए। राज्य ही तय करें कि रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन कौन-कौन से हों। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत 200 दिन की मजदूरी दी जाए। बघेल ने कहा कि ट्रेन, उड़ान, बस सेवा राज्य की सरकारों से मशविरा करने के बाद ही शुरू की जाएं।
- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा- केंद्र को उस समय राजनीति नहीं करनी चाहिए, जब देश में कोरोनोवायरस महामारी फैल गई है। हम अंतरराष्ट्रीय सीमाओं और अन्य बड़े राज्यों से घिरे हैं, इसलिए इससे निपटने में चुनौतियां हैं। सभी राज्यों को समान महत्व दिया जाना चाहिए और हमें टीम इंडिया के रूप में मिलकर काम करना चाहिए।
- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा- प्रधानमंत्री की लॉकडाउन के संबंध में निश्चित और ठोस निर्देश देने चाहिए। मुंबई में जरूरी सेवाओं के लिए लोकल ट्रेन सर्विस शुरू करने की मंजूरी दी जाए।
- पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा- लॉकडाउन बढ़ाया जाए, लेकिन इसके लिए विशेष रणनीति बनाई जाए और राज्यों को आर्थिक शक्तियां दी जाएं ताकि वे लोगों की जिंदगी और रोजगार को बचा सकें। राज्यों को लॉकडाउन से बाहर आने के लिए रणनीति बनाने का मौका दिया जाए।
- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने कहा- हम जानते हैं कि चेन्नई-दिल्ली के बीच 12 मई से ट्रेन शुरू की जा रही है। चेन्नई में पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं। ऐसे में 31 मई तक यहां ट्रेन ना चलाई जाए। इसके साथ ही 31 मई तक उड़ानें भी ना शुरू की जाएं।
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कंटेनमेंट जोन को छोड़कर देश की राजधानी के बाकी हिस्सों में आर्थिक गतिविधियां शुरू करनी चाहिए।
मोदी ने कहा- लोग अपने घर जाना चाहते हैं, यह इंसानी फितरत है
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने लोगों से कहा था कि वे जहां पर हैं, वहीं पर रुके रहें। पर लोग अपने घर जाना चाहते हैं, ये इंसानी फितरत है। इसके चलते हमें अपने फैसले बदलने पड़े, लेकिन इसके बावजूद हमें ध्यान रखना है कि संक्रमण न फैले और गांवों तक न पहुंचे। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि यही हमारी सबसे बड़ी चुनौती है।
गृह मंत्री शाह ने आरोग्य सेतु ऐप के इस्तेमाल पर जोर दिया
बैठक के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्रियों से चर्चा की और उन्होंने आरोग्य सेतु ऐप के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस ऐप के डाउनलोड बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्रियों को प्रयास करने चाहिए, क्योंकि इससे संक्रमितों की पहचान में मदद मिलती है।
तीन बार बढ़ चुका है लॉकडाउन
- प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले 25 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा की थी। पहला लॉकडाउन 21 दिन के लिए लगाया गया था। इसे 14 अप्रैल को खत्म होना था। इसके बाद लॉकडाउन 19 दिन और बढ़ा दिया गया था। तीन मई को खत्म हो रहे लॉकडाउन को फिर से 14 दिन बढ़ा दिया गया है। अब 17 मई को लॉकडाउन खत्म होगा।
- सोमवार को मोदी ने 51 दिनों में पांचवीं बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इससे पहले उनकी मुख्यमंत्रियों के साथ चार बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हो चुकी है। उन्होंने 20 मार्च, 2, 11 और 27 अप्रैल को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर चर्चा की थी।